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कवर्धा में हाथियों का आतंक, दहशत में जी रहे ग्रामीण - group of elephants

कवर्धा जिले में हाथियों का आतंक (elephant terror) गहराने लगा है. ग्रामीणों मे दहशत का माहौल है. जिले के दस किलोमीटर अंदर तक हाथियों का दल घुस आया है और वह लगातार आगे ही बढ़ रहे हैं.

Elephants terror in Kawardha
कवर्धा में हाथियों का आतंक

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Published : Nov 19, 2021, 3:20 PM IST

कवर्धाः जिले में हाथियों का आतंक गहराने लगा है. ग्रामीणों मे दहशत का माहौल है. जिले के दस किलोमीटर अंदर तक हाथियों का दल (group of elephants) घुस आया है और वह लगातार आगे ही बढ़ रहे हैं. लोगों का कहना है कि अगर गन्ना फसलों तक हाथियों का दल पहुंचा तो भगा पाना नामुमकिन होगा.

पिछले एक सप्ताह से जंगली हाथियों का दल प्रदेश के सीमावर्ती गांव में विचरण कर रहा है और सीमा के आसपास लगे गांव में जम कर उत्पाद मचा रहे हैं. बुधवार को पहली बार कवर्धा जिले के बांकी गांव में किसानों के 6 एकड़ धान फसल को नुकसान पहुंचाने के बाद हाथियों का दल मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिला अंतर्गत मवाई रेंज के पटपरा, आमवार गांव चला गया था.

जहां धान फसलों को बराबर कर कुछ मकानों मे भी तोड़फोड़ किया. जिसके बाद बड़ी संख्या मे ग्रामीण व वन विभाग की टीम द्वारा फटाखा फोड़ कर सोर करने मे हाथियों का दल वहां से लौट कर गुरुवार की रात फिर से कवर्धा जिले के बोड़ला ब्लॉक अंतर्गत खुर्दीपानी और कुर्की गांव में फसलों को नुकसान व मकानों में तोड़फोड़ किया.

केला और गन्ने की फसल पर शामत

यह दल शुक्रवार सुबह बनगौरा गांव पहुंचा जहां केला और धान की फसलों को चौपट कर दिया. फिर जंगल में लौट गए. हाथियों के उत्पाद से क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है. जिस गांवों में हाथियों ने उत्पाद किया है, वहां के ग्रामीण दहशत में हैं. स्कूल व सामुदायिक भवन में रात बीता रहे हैं.

हाथियों का दल छत्तीसगढ़ की सीमा से कवर्धा जिले के अंदर लगभग दस किलोमीटर अंदर घुस चुके हैं. जो लगातार आगे ही बढ़ रहे हैं. हाथियों का दल अब तक धान और केला का फसल को ही अपना भोजन बना पाए हैं मगर जैसे-जैसे आगे बढ़ेंगे वैसे ही वह गन्ना की खेत तक पहुंच सकते हैं. माना जाता है कि हाथियों का सबसे प्रिय भोजन गन्ना होता है जो कि कवर्धा जिले में गन्ने की फसल की पैदावार बड़ी तादात में कि जाती है. अगर हाथियों का दल गन्ना खेत तक पहुंचते हैं तो भगा पाना संभव नहीं होगा. जिलेवासियों के लिए हाथी बड़ी मुसिबत बन सकती हैं.

विभाग की हर गतिविधियों पर नजर

वन विभाग हाथियों पर नजर बनाए हुए है. आसपास गांवों मे मुनादी भी किया जा रहा है. विभाग द्वारा लोगों को अकेले बहार घूमने से मना किया जा रहा है. साथ ही हाथियों से कैसे बचा जा सकता है, कैसे सुरक्षित रहें, ग्रामीणों को ट्रेनिंग दे रहे हैं. इसके साथ ही वन विभाग द्वारा मुख्यालय मे कंट्रोल रुम भी बनाया गया है. जिसमें अधिकारियों के नंबर को सर्वजनिक किया गया है.

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वन विभाग ने जारी की मोबाइल नंबर
कवर्धा वन मंडल कार्यालय के द्वारा वन अपराधों की रोकथाम के लिए सभी अधिकारियों के मोबाइल नंबर जारी किए गए हैं और मुख्यालय में कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. वन मंडल के कंट्रोल रूम का मोबाइल नंबर 7999326127, वन मंडल स्तरीय उड़नदस्ता के सहायक प्रभारी का 9425576857, अधीक्षक भोरमदेव वन्य प्राणी अभ्यारण का 9424132297, परिक्षेत्र अधिकारी भोरमदेव वन्य प्राणी अभ्यारण का 7828853500 है.

इसके अलावा उप वनमंडल अधिकारी कवर्धा का 8269327097, परिक्षेत्र अधिकारी कवर्धा का 9589035132, परिक्षेत्र अधिकारी अधिकारी तरेगांव 9981893808 तथा परिक्षेत्र अधिकारी पश्चिम पंडरिया का 8770976735, उप वनमंडल अधिकारी पंडरिया का 9131029448, परिक्षेत्र अधिकारी पूर्व पंडारिया का 9752617147, उप वनमंडल अधिकारी सहसपुर लोहारा का 7587055836, परिक्षेत्र अधिकारी सहसपुर लोहारा एवं परिक्षेत्र अधिकारी रेंगाखार का 9406324045 तथा परिक्षेत्र अधिकारी खारा का मोबाइल नंबर 7999761848 है। वन मंडल अधिकारी जिला कबीरधाम का संपर्क नंबर 9479105168 है.

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