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कवर्धा: लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों को पंडरिया के युवा खिला रहे खाना

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Published : May 11, 2020, 11:27 AM IST

Updated : May 11, 2020, 5:13 PM IST

कवर्धा में एक राज्य से पैदल चलकर दूसरे राज्य जा रहे प्रवासी मजदूरों को खाने खिलाने का काम पंडरिया के युवा कर रहे हैं. इसके लिए पंडरिया के 10 से 15 युवाओं ने मिलकर एक हैल्पिंग हैंड्स ग्रुप बनाया है.

Pandaria youth feeding food to migrant laborers traveling on lockdown in kawardha
प्रवासी मजदूरों को पंडरिया के युवा खिला रहे खाना

कवर्धा: लॉकडाउन के कारण सैकड़ों किलोमीटर भूखे प्यासे पैदल सफर करने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए पंडरिया के युवा फरिश्ते के तरह सेवा दे रहे हैं. पंडरिया से गुजरने वाले सभी प्रवासी मजदूरों के लिए युवा रात और दिन सड़कों पर खाने की व्यवस्था कर रहे हैं. साथ ही क्षेत्र के जरुरतमंद लोगों के लिए राशन की व्यवस्था भी करा रहे हैं.

खाने की व्यवस्था करवाते हैल्पिंग हैंड्स ग्रुप के मेम्बर

कोरोना संक्रमण के कारण किए गए लॉकडाउन को लगभग 40 दिन होने को हैं, ऐसी हालत में गरीब मजदूर बीमारी के डर और बेरोजगारी से तंग आकर सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर अपने घर की ओर निकल पडे़ हैं. वहीं लॉकडाउन के कारण मजदूरों को रास्ते में खाने-पीने की कोई भी चीज नसीब नहीं हो रही है. ऐसे में पंडरिया के युवाओं ने मजदूर और जरूरमंद लोगों की मदद करने की ठानी है. जिसके तहत पंडरिया के 10 से 15 युवाओं ने मिलकर एक हेल्पिंग हैंड्स ग्रुप बनाया है. इस ग्रुप के माध्यम से युवा हर रोज सैकड़ों प्रवासी मजदूरों को खाना खिला रहे हैं. साथ ही शहर के गरीब तबके के लोगों को राशन भी मुहैया करा रहे हैं.

प्रवासी मजदूरों को पंडरिया के युवा खिला रहे खाना

हैल्पिंग हैंड्स ग्रुप कर रहा लोगों की मदद

हैल्पिंग हैंड्स ग्रुप के मेम्बर मोहन राजपूत ने बताया कि उनका यह ग्रुप जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है, तब से शहर के सैकड़ों जरूरमंद लोगों को राशन उपलब्ध करा रहा हैै. मोहन ने कहा कि वे आगे भी लोगों की मदद करते रहेंगे. इसके लिए ग्रुप के बहुत से सदस्यों का मोबाइल नंबर सार्वजनिक किया गया है, जिसपर कोई भी जरूरतमंद फोन कर सकता है. उन्होंने बताया कि फोन करते ही जरूरतमंदों तक चावल, दाल, तेल ,निरमा,साबुन और तमाम जरूरत के सामान पैकेट बनाकर उनके घर में छोड़ देते हैं. उनके ग्रुप के लोग राशन के एक्सट्रा पैकेट बनाकर रखे रहते हैं. वहीं जिनको भी जरूरत पड़ती है उनके घर पर तुरंत फ्री में राशन छोड़ दिया जाता है. साथ ही दूसरे राज्यों से पैदल चलकर आने-जाने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए भी खाने की व्यवस्था कर रहे हैं.

प्रवासी मजदूरों के लिए खाने की व्यवस्था

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मोहन राजपूत ने बताया कि हर रोज मुंबई, हैदराबाद, ओडिशा और महाराष्ट्र से 40 से 50 मजदूर पैदल चलकर मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की ओर जाने के लिए पंडरिया से होकर गुजरते हैं. इन सभी प्रवासी मजदूरों के लिए सड़क के किनारे स्थित स्कूल में आराम करने और खाने की व्यवस्था करते हैं. इस सेवा कार्य के लिए हमें शहर के दान-दाताओं से राशि प्राप्त हो रही है. इस सेवा काम को करने के लिए हैल्पिंग हैंड्स ग्रुप की मदद पूरे शहर के लोगों के साथ प्रशासन भी कर रहा है.

Last Updated : May 11, 2020, 5:13 PM IST

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