कवर्धा\ पंडरिया:केंद्रीयचुनाव आयोग 100 प्रतिशत मतदान के लिए जी तोड़ कोशिश कर रहा है. इसके लिए लगातार जन जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. नुक्कड़ नाटक, बैनर, पोस्टर, सोशल मीडिया के जरिए लोगों को उनके वोट की अहमियत बताई जा रही है. चुनाव आयोग की इस कोशिश का मतदाताओं पर कितना असर हुआ, मतदान को लेकर लोग कितने जागरूक हैं, इसकी जानकारी लेने ETV भारत की टीम पंडरिया विधानसभा के वनांचल गांवों में पहुंची.
एमपी छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर ईटीवी भारत : ETV भारत की टीम पंडरिया जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती गांव बासाटोला पहुंची. गांव जाने के लिए सड़क के नाम पर उबड़ खाबड़ रास्ता मिला. किसी तरह टीम गांव के अंदर पहुंची. इस दौरान गांव के कुछ पुरुष जंगल के अंदर किसी झिरिया से पानी लेकर अपने गांव आ रहे थे. उनसे जब विधानसभा चुनाव के बारे में पूछा गया तो चौंकाने वाला जवाब मिला. उन्हें चुनाव के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.
आदिवासी ग्रामीणों को नहीं मतदान की जानकारी: बासाटोला और उसके आसपास क्षेत्र के ग्रामीणों को 7 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के संबंध में कोई जानकारी नहीं है. कुछ एक ग्रामीण जिनका शहर में आना-जाना लगा रहता है उन्होंने ही शहर में लोगों से सुना है कि विधानसभा चुनाव 7 नवंबर को होना है. वहीं मतदान केंद्र भी गांव से 10 किलोमीटर दूर है. वहां जाने के लिए ना तो सड़क है ना ही कोई आवागमन का साधन. जिससे युवा पुरुष और महिला किसी तरह पहाड़, पगडंडी के रास्ते मतदान केंद्रों तक पहुंच जाते हैं लेकिन बुजुर्ग अपना वोट नहीं दे पाते.
हमें चुनाव से कोई मतलब नहीं है. कोई जानकारी नही हैं. प्रशासन की तरफ से भी कोई अभी तक नहीं पहुंचा है. पिछले साल वोट डालने 10 किलोमीटर दूर रुखमीदादर गए थे. जो चल सकता है वो तो वोट देने चला जाता है, बुजुर्ग लोग नहीं जा पाते हैं- अमरलाल बैगा, ग्रामीण, बासाटोला गांव