कवर्धा: भोरमदेव अभ्यारण में एक दुर्लभ प्रजाति का बार्न उल्लू पाया गया है. वन विभाग के द्वारा उल्लू का रेस्क्यू किया गया है. इस दुर्लभ पक्षी को वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के शेड्यूल में तीसरा स्थान दिया गया है.
जिले का ज्यादातर हिस्सा वनों से घिरा हुआ है और यही वजह है कि जिले के भोरमदेव अभ्यारण समेत अन्य जंगलों में तरह-तरह के वन्य प्राणी आसानी से देखे जा सकते हैं. पहले भी कई बार दुर्लभ प्रजातियों के वन्य प्राणी देखे जा चुके हैं. वहीं एक बार फिर भोरमदेव अभयारण्य के चिल्फी में सर्चिंग के दौरान दो दुर्लभ प्रजाति के बार्न उल्लू पाए गए हैं. वन विभाग की टीम द्वारा दोनों उल्लुओं को सुरक्षित स्थान पर लाया गया है. वन विभाग की टीम इन उल्लुओं की देख रेख में लग गई है.