छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

लाल आतंक से आजाद जिंदगी अच्छी: आत्मसमर्पित नक्सली - लाल आतंक का रास्ता छोड़ना अच्छा फैसला

कवर्धा में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण के बाद के जीवन को ज्यादा अच्छा (Naxalites surrender in Kawardha) बताया. पिछले दो सालों में कवर्धा में 6 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. सरेंडर कर चुके नक्सलियों का कहना है कि मुख्यधारा में लौटकर उन्हें अच्छा लग रहा है. सरकार की पुनर्वास नीतियों की भी उन्होंने सराहना की है.

Naxalites surrender
नक्सलियों का आत्मसमर्पण

By

Published : Jul 9, 2022, 11:22 PM IST

कवर्धा:नफरत और दहशत की जिंदगी से अब नक्सलियों का मोहभंग होता जा रहा है. यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि सरेंडर कर चुके नक्सली कह रहे हैं. कवर्धा में पिछले 2 सालों में 6 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया (Naxalites surrender in Kawardha) है. सरकार की योजना का लाभ लेकर अपने परिवार के साथ एक खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं. इन नक्सलियों में तीन पुरुष और तीन महिला है. तीनों पति-पत्नी में एक दंपत्ति के दो वर्ष की बच्ची भी है. पूर्व नक्सली अब पुलिस के साथ मिलकर लाल आतंक को खत्म करने और नक्सलियों को आत्मसमर्पण में मदद कर रहे हैं.

लाल आतंक से आजाद जिंदगी अच्छी

मुख्य धारा से जुड़ने की खुशी : पूर्व में रहे 8 लाख रुपये का इनामी नक्सली प्लाटून 2 के कमांडर ने बताया कि वह कोंडागांव का रहने वाला है. साल 2008 में नक्सली संगठन से जुड़ा और ट्रेनिंग के बाद नक्सलियों ने उसे अबूझमाड़ भेज दिया. यहां उसने 9 सालों में दर्जनों पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में हिस्सा लिया. उसकी फुर्ती और तेज दिमाग को देखते हुए 2017 में एमएमसी जोन में भेज दिया गया. जहां उसे भोरमदेव-बोड़ला ऐरिया कमेटी के प्लाटून 3 का कमांडर नियुक्त किया गया था. जो कि जिले में हुए तीन पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में शामिल भी रहा. तीनों मुठभेड़ में नक्सली-पुलिस के गोली का निशाना बना, जिसमें उसके साथियों की मौत हुई. जिससे नक्सलियों मे दहशत बढ़ने लगी.

इस तरह किया आत्मसमर्पण: इस बीच कवर्धा पुलिस विभाग जंगलों में सरकार की पुनर्वास योजना के पोस्टर बैनर लगा रही थी. जिसे देखकर एक एक कर खूंखार नक्सलियों ने हथियार डाले. कोरोना की दूसरी लहर के बीच कोरोना पॉजिटिव नक्सली दंपत्ती ने भी समर्पण किया. पुलिस ने दोनों बीमार नक्सलियों का इलाज कराया और सरकार की योजना का फायदा भी उसे दिलाया. हाल ही में एक और नक्सली दंपत्ति ने पुलिस के समक्ष समर्पण किया है. अब तक कुल 6 नक्सलियों ने जिले में आत्मसमर्पण किया है.

कवर्धा एसपी की अपील

यह भी पढ़ें:नारायणपुर में लाल आतंक का सरेंडर, ऐसे पस्त हुए नक्सली !

"ये जिन्दगी अच्छी है": नक्सलियों ने बताया कि पहले रात हो या दिन.. गर्मी हो या बारिश, बीमार होने के बाद भी जंगलों मे भटकते रहते थे. हर वक्त जन का खतरा बना रहता था. कब पुलिस की गोली किसके सीने को छलनी कर दे... ये नहीं पता था. लेकिन अब सरेंडर के बाद सरकार की योजना से हमें सुरक्षित जिंदगी और एक परिवार और समाज में जगह भी मिली है. इसके साथ ही राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा पुनर्वास योजना के तहत मकान बनाने के लिए जमीन, पैसा और हम पर घोषित इनाम भी मिला है. अब हम जहां चाहे जा सकते हैं. हम अब आजाद जिंदगी जी रहे हैं. अपने परिवार से भी मिल सकते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details