कवर्धा:नफरत और दहशत की जिंदगी से अब नक्सलियों का मोहभंग होता जा रहा है. यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि सरेंडर कर चुके नक्सली कह रहे हैं. कवर्धा में पिछले 2 सालों में 6 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया (Naxalites surrender in Kawardha) है. सरकार की योजना का लाभ लेकर अपने परिवार के साथ एक खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं. इन नक्सलियों में तीन पुरुष और तीन महिला है. तीनों पति-पत्नी में एक दंपत्ति के दो वर्ष की बच्ची भी है. पूर्व नक्सली अब पुलिस के साथ मिलकर लाल आतंक को खत्म करने और नक्सलियों को आत्मसमर्पण में मदद कर रहे हैं.
मुख्य धारा से जुड़ने की खुशी : पूर्व में रहे 8 लाख रुपये का इनामी नक्सली प्लाटून 2 के कमांडर ने बताया कि वह कोंडागांव का रहने वाला है. साल 2008 में नक्सली संगठन से जुड़ा और ट्रेनिंग के बाद नक्सलियों ने उसे अबूझमाड़ भेज दिया. यहां उसने 9 सालों में दर्जनों पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में हिस्सा लिया. उसकी फुर्ती और तेज दिमाग को देखते हुए 2017 में एमएमसी जोन में भेज दिया गया. जहां उसे भोरमदेव-बोड़ला ऐरिया कमेटी के प्लाटून 3 का कमांडर नियुक्त किया गया था. जो कि जिले में हुए तीन पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में शामिल भी रहा. तीनों मुठभेड़ में नक्सली-पुलिस के गोली का निशाना बना, जिसमें उसके साथियों की मौत हुई. जिससे नक्सलियों मे दहशत बढ़ने लगी.