कवर्धाःचिल्फी में पर्यटन को बढ़ावा देने और सैलानियों के रूकने के लिए काष्ठागार में बांस से 6 मड हाउस का निर्माण कराया गया था. प्रत्येक हाउस में 8 लाख से अधिक खर्च किया गया था, लेकिन यह मड हाउस उपयोग से पहले ही जर्जर हो चुका है.
कवर्धा में बना मड हाउस हुआ कबाड़ कबाड़ हुआ मड हाउस
मड हाउस से असामाजिक तत्व कई महंगे सामानों को चुरा कर ले जा चुके हैं. वन विभाग ने शासन की 50 लाख से ज्यादा की राशि पानी की तरह बहा दिया है.
तत्कालीन अधिकारी का कहना है कि पैसा नहीं होने के चलते मड हाउस का सुधार नहीं हो पा रहा था. अधिकारी राज्य शासन से राशि मिलने पर फिर से मड हाउस को दुरूस्त करने का दावा कर रहे हैं.
पर्यटकों के लिए खास है ये स्थान
कवर्धा जिले का चिल्फी क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से बेहद सुनहरा और मनमोहक है. यहां हर वर्ष पहाड़ और प्राकृतिक वादियों को देखने के लिए देश और विदेशों से भी सैलानी पहुंचते हैं. प्रचार-प्रसार का अभाव और असुविधा होने के कारण चिल्फी अन्य पर्यटन क्षेत्रों की तरह विकसित नहीं हो पाया है. 3 साल पहले वन विभाग ने 50 लाख से अधिक की लागत से बांस मड हाउस का निर्माण कराया था. चिल्फी क्षेत्र का यह मड हाउस एक निजी कक्ष की तरह है. जहां थ्री स्टार होटलों की सुविधा की तरह कमरे को तैयार किया गया था.
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एक मड हाउस के लिए 8 लाख रुपये किए गए थे खर्च
पर्यटकों से गुलजार रहने वाले इस क्षेत्र में एक-एक मड हाउस के लिए 8 लाख रुपये से अधिक खर्च किये गए थे. यहां के महंगे-महंगे सामान टूट चुके हैं. साथ ही कई सामान चोरी भी हो चुके हैं. बारिश का पानी कमरे में घूस रहा है. बिना कोई प्लानिंग के ही लाखों रुपये मड हाउस पर खर्च किया गया है. देख-रेख के अभाव में लाखों रुपये पानी की तरह बहा दिया गया है. मड हाउस निर्माण से पहले जो कार्य किया जाना चाहिए था, वह नहीं किया गया है.