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Minor Death In Jaggery Factory: पंडरिया के गुड़ फैक्ट्री में हादसा, नाबालिग मजदूर की मौत

छत्तीसगढ़ का कवर्धा गन्ना उत्पादन के लिए मशहूर है. लेकिन यहां गन्ना उत्पादन के साथ साथ गुड़ भी बनाए जाते हैं. इसलिए बड़ी संख्या में जिले में गुड़ फैक्ट्री संचालित है. इन फैक्ट्रियों में काम करने के लिए दूसरे राज्यों से मजदूर आते हैं.लेकिन इन मजदूरों की सुरक्षा का ख्याल नहीं रखा जाता.ताजा मामले में एक नाबालिग की गुड़ फैक्ट्री में मौत हुई है.

Negligence killed in kawardha
नाबालिग की गुड़ फैक्ट्री में मौत

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Published : Feb 15, 2023, 1:01 PM IST

कवर्धा : पंडरिया से एक बड़ी खबर सामने आई है. यहां एक नाबालिग के साथ भीषण हादसा हुआ,जिसमें उसकी मौत हो गई. पिपरिया थाना क्षेत्र के ग्राम चरडोंगरी में संचालित एक निजी गुड़ फैक्ट्री में काम करने वाला श्रमिक फग्गन सिंह अचानक चरखे में फंस गया. जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.जिस गुड़ फैक्ट्री में फग्गन काम करता था उसी में उसके पिता भी काम करते थे. हादसे के बाद नाबालिग का शव काफी समय तक चरखे में फंसा रहा. घटना की सूचना पिपरिया थाना पुलिस को दी गई. जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस की टीम ने शव को बाहर निकलवाया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.

कैसे हुई घटना : जानकारी के अनुसार मृतक नाबालिग का नाम फग्गन सिंह है. वह गढ़ी मध्यप्रदेश का रहने वाला था. बताया जा रहा है कि फग्गन अपने पिता के साथ गुड़ फैक्ट्री में मजदूरी करता था.मंगलवार को भी वह काम कर रहा था. लेकिन इसी दौरान नाबालिग चरखे में फंस गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. जिले में इन दिनों दूसरे राज्य से बड़ी संख्या में लोग काम करने आ रहे हैं. क्योंकि जिले में बड़ी संख्या में गुड़ फैक्ट्री संचालित है जहां गन्ना पेराई की जा रही है. जिसमें स्थानीय और बाहरी मजदूर बड़ी संख्या में कार्य कर रहे हैं. लेकिन संचालक इन श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. जिसके चलते इस तरह के हादसे सामने आ रहे हैं.

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मजदूरों की सुरक्षा की अनदेखी :यूपी, बिहार से हजारों लोग छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में काम कर रहे हैं. जिसकी जानकारी पुलिस को है. लेकिन कोई कार्यवाई नहींं की जाती. आए दिन गुड़ की फैक्ट्री में विवाद होते हैं. कई बार ठेकेदार और श्रमिकों के बीच मारपीट भी होती है. लेकिन ये सारे मामले निचले स्तर में ही दब जाते हैं. हादसों को लेकर भी श्रम विभाग किसी तरह की कोई गाइडलाइन गुड़ फैक्ट्रियों को जारी नहीं करता. नतीजा इसी तरह मजदूर मौत के मुंह में चले जाते हैं.

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