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कवर्धा: बिना रोक-टोक जिले में दाखिल हो रहे प्रवासी मजदूर, कोरोना का खतरा

कवर्धा जिले में प्रशासनिक अमला की बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है. प्रवासी मजदूर बिना रोक-टोक के जिले के ग्रामीण इलाकों में दाखिल हो रहे हैं, जिससे आने वाले समय में कवर्धा में भयावह स्तिथि पैदा हो सकती है.

Migrant laborers entering without conducting health tests in kawardha
जिले में दाखिल हो रहे प्रवासी मजदूर

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Published : May 9, 2020, 2:16 PM IST

कवर्धा: कोविड़-19 को लेकर विश्व में हाहाकार मचा हुआ हैं. हर घंटे में प्रभावित और मौत का आंकड़ा लगातार बदलता जा रहा है. स्थिति भयावह हो चुकी है. प्रवासी मजदूरों के कारण कवर्धा ग्रीन जोन से सीधा रेड जोन और हाई अलर्ट पर पहुंच चुका है. बावजूद इसके बिना रोक-टोक के प्रवासी मजदूर जिले में दाखिल हो रहे हैं. प्रवासी मजदूर बिना स्वास्थ्य चेकअप के ही दाखिल हो रहे हैं, जिससे कवर्धा में भयावह स्तिथि पैदा हो सकती है.

जिले में दाखिल हो रहे प्रवासी मजदूर

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कवर्धा के लोगों का कहना है कि जब से 6 प्रवासी मजदूर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. तब से छत्तीसगढ़ की नजर कवर्धा जिला पर लगी हुई है. उसके बाद भी प्रशासनिक अमला की लापरवाही देखने को मिल रही है. कवर्धा जिले मे चारों ओर से सैकड़ों प्रवासी मजदूर बिना रोक-टोक के घुस रहे हैं. स्वयं से प्रशासन को जानकारी देकर क्वारेंटाइन होने वाले लोग ही क्वारेंटाइन किये जा रहे हैं. इस तरह अगर लापरवाही चलती रही तो कवर्धा जिले मे भयावह स्तिथि बन सकती है.

जिले में दाखिल हो रहे प्रवासी मजदूर

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जंगल के रास्ते आ रहे मजदूर

बता दें कि अन्य राज्यों से आने वाले मजदूर पैदल ही सफर कर रहे हैं. इसलिए वह सड़क के रास्ते न आकर शॉर्टकट जंगल के रास्ते आ रहे हैं. शिविर मे क्वारेंटाइन होने के डर मे रात के अंधेरे मे जिले मे दाखिल होकर अपने गांव तक पहुंच जाते हैं. ज्यादातर मजदूर हैदराबाद, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से आने वाले हैं. यदि इनमें से एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज होगा, तो पूरे इलाके के साथ जिले के लिए एक बार फिर बेहद विस्फोटक स्थिति बन सकती है, क्योंकि देखते ही देखते आंकड़े छह हो गए हैं, जो कभी भी बढ़ सकता है.

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