छत्तीसगढ़

chhattisgarh

By

Published : Jun 25, 2020, 7:54 PM IST

ETV Bharat / state

कवर्धा में टला टिड्डी दल का खतरा, किसानों ने ली राहत की सांस

कवर्धा जिले में कीटनाशक से टिड्डियों को मार गिराने में प्रशासन कामयाब रहा. जिला कृषि पदाधिकारी के मुताबिक कवर्धा जिले में टिड्डी दल अब काफी कमजोर हो गया है. इससे फसलों को अब ज्यादा नुकसान नहीं होगा.

locust threat over
कवर्धा में टिड्डी दल खत्म

कवर्धा:जिला प्रशासन कवर्धा में टिड्डियों के आतंक पर लगाम लगाने में काफी हद तक सफल रहा है. जिला प्रशासन, वन विभाग और कृषि विभाग के साथ किसानों ने राहत की सांस ली है. बताते हैं, कवर्धा जिले में 16 जून को टिड्डियों के दल ने मध्य प्रदेश के बालाघाट के रास्ते चिल्फी के जंगलों से होते हुए दाखिल हुआ था, जो खारा वन परिक्षेत्र में काफी उत्पात मचजा रहा था. जिससे निपटने के लिए प्रशासन बड़े स्तर पर कीटनाशक दवा का छिड़काव करा रहा था, जिससे टिड्डी दल लगभग समाप्त हो गया है. हालांकि टिड्डी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है, लेकिन जिला कृषि पदाधिकारी के मुताबिक टिड्डी दल अब काफी कमजोर हो गया है.

अधिकारियों के मुताबिक टिड्डी दल ने अबतक जिले में किसानों का ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाया है. इससे पहले ही उन्हें मार गिराने से किसानों को थोड़ी राहत मिली है. हालांकि किसान अब भी टिड्डियों के हमले को लेकर सावधान हैं.

ऐसे मिली टिड्डी दल से मुक्ति

16 जून को टिड्डियों के दल ने मध्य प्रदेश के बालाघाट से कवर्धा जिले के चिल्फी के जंगलों से दाखिल होकर खारा वन परिक्षेत्र में हमला किया था. रात भर टिड्डियों के दल ने वहां आराम किया और लगभग सुबह 4 बजे वन विभाग और कृषि विभाग के अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची. इसके बाद टिड्डियों को मारने के लिए ऑपरेशन शुरू किया गया. इसके लिए 6 फायरब्रिगेड की गाड़ियों की मदद ली गई. इससे लगभग 1 लाख लीटर किटनाशक का छिड़काव किया गया, जिससे बड़ी संख्या में टिड्डी मारे गए.कुछ बचे वो दूसरे रास्ते से भाग निकले, हालांकि उनको भी प्रशासन खत्म करने की योजना बना रहा है.

ऑपरेशन में बची हुई टिड्डियों का दल वहां से तीन अलग-अलग दल में बंट गई थी. जिससे उनकी संख्या और ताकत दोनों कम हो गई थी, लेकिन जिला प्रशासन के लिए ये भी मुसीबत बन गई थी. अब टिड्डियों का दल तीन अलग-अलग हिस्सों मे बंटकर अलग-अलग इलाकों में नुकसान पहुंचाने लगा था. इनमें से एक दल बोड़ला ब्लॉक के धानीखुटा के जंगल में पहुंच गया था. साथ ही दो दल पंडरिया ब्लॉक के चियाडर के जंगल और निमहापुर के जंगल में अपना कब्जा जमा लिया था. तीन अलग अलग जंगलों में पहुंचकर टिड्डियों से निपटना वन विभाग के लिए काफी मुश्किल भरा था, लेकिन विभाग ने टिड्डियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी रखा, जिससे 35 से 40 फिसदी टिड्डियों को मार गिराने में कामयाबी मिली. लगभग एक हफ्ते के इस ऑपरेशान के बाद वन विभाग की टीम जिले के सभी वन क्षेत्र का सर्वे करा रही है, जिससे पता चल रहा है कि जिले में अब टिड्डी का खतरा नहीं के बराबर है.

पढ़ें:मध्यप्रदेश की सीमा से कोरिया पहुंचा टिड्डी दल, प्रशासन अलर्ट

दूसरे जिले में अब भी बना है खतरा

कवर्धा में टिड्डियों का हमला भले ही टल गया हो, लेकिन प्रदेश के कई जिलों में टिड्डियों का खतरा अब भी मंडरा रहा है. जानकारी के मुताबिक टिड्डियों का एक दल मध्य प्रदेश की सीमा से होते हुए कोरिया के भरतपुर के गांवों तक पहुंच चुका है. ग्रामीणों का कहना है कि इस टिड्डी दल में बड़ी तादाद में टिड्डियां है. ग्रामीणों ने इसकी जानकारी कृषि विभाग को भी दी है. इससे पहले 17 जून को टिड्डियों का एक बड़ा दल खैरागढ़ के इलाकों में भी पहुंचा था. यहां विभाग अब भी अलर्ट है. इसके अलावा बेमेतरा जिले में भी टिड्डियों ने दस्तक दे दी है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details