कवर्धा: जिला के अमलीटोला गांव के चार बैगा आदिवासी युवक मजदूरी करने तमिलनाडु के कुरुर जिले में गए थे. जहां ठेकेदार ने इन्हें बंधक बना लिया था . मजदूरों से कंपनी में काम तो लिया जा रहा था. लेकिन उनको काम का पैसा नहीं दिया जा रहा था. ना ही परिजनों से बात करने मिल रहा था. मजदूर घर वापस जाने की बात करते तो उन्हें मारा पीटा जाता. चारों मजदूर वहां महीने भर से फंसे हुए थे. इस दौरान पीड़ित युवकों ने चोरी छिपे अपने घर फोन लगाकर आपबीती बताई. जिसके बाद परिजनों ने कलेक्टर जन्मेजय महोबे मिलकर पीड़ितों को छुड़ाने के लिए गुहार (Kawardha district administration) लगाई. मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल पुलिस अधीक्षक के साथ मीटिंग कर श्रम अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपकर पांच सदस्यों की टीम बनाई गई. इसके बाद तमिलनाडू के लिए टीम रवाना की गई. कुरूर कलेक्टर को पत्र लिखकर फोन पर चर्चा की. जिससे स्थानीय कलेक्टर ने कंपनी में रेड कर चारों बंधक मजदूरों को ठेकेदार के कब्जे से छुड़वाने में भरपूर सहयोग किया. साथ ही विमुक्ति प्रमाण पत्र और चारों मजदूरों को 30-30 हजार रुपये आर्थिक सहायता के रुप में दिया.
कवर्धा जिला प्रशासन ने तमिलनाडू में बंधक बने बैगा मजदूरों को छुड़ाया - rescues hostage baiga laborers in Tamil Nadu
कवर्धा जिले के अमलीटोला गांव के 4 बैगा युवकों को तमिलनाडु के कुरुर जिले में बंधक बनाया गया था. जिन्हें कवर्धा जिले प्रशासन की रेस्क्यू टीम ने छुड़ाकर सकुशल घर वापसी कराई. तमिलनाडु जिला प्रशासन से 30 हजार प्रत्येक को मुआवजा भी दिलाया गया.कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने इस ऑपरेशन में परिजनों की मदद भी की.
कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने बताया कि ''बीते 05 अक्टूबर को सूचना मिली थी कि जिले के चार आदिवासी युवक जो कि काम करने तमिलनाडु के कुरूर जिला गए हुए थे. जहां उन्हें एसीसी कंपनी मे काम करने के दौरान ठेकेदार ने बंधक बनाकर रख लिया था. सूचना के बाद स्थानीय कलेक्टर से संपर्क किया गया. कवर्धा से श्रम विभाग पुलिस विभाग और नायाब तहसीलदार के साथ पांच सदस्यों की टीम बनाई गई. बंधकों को छुड़वाने भेजा गया. जहां स्थानीय प्रशासन के सहयोग से बंधकों को छुड़वाने में कामयाबी मिली. श्रमिकों को छुड़ाया गया. साथ ही स्थानीय प्रशासन के द्वारा बंधक मजदूरों को विमुक्ति प्रमाण पत्र और 30-30 हजार रुपए आर्थिक सहयोग के रुप में दिया गया है.सभी मजदूर कवर्धा लाए गए हैं. कुछ दिनों बाद उन्हें पुनर्वास कराने भेजा जाएगा.''