कवर्धा: मनरेगा के तहत ग्रामीणों को रोजगार देने में कवर्धा नंबर वन जिला बन गया है. बता दें कि जिले में सबसे ज्यादा परिवारों को 100 दिनों का रोजगार मिला है. वहीं चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 63 करोड़ 49 लाख से ज्यादा ग्रामीणों को रोजगार दिया गया है.
ग्रामीणों को काम देने में नंबर वन जिला बना कवर्धा बता दें कि कवर्धा जिला छत्तीसगढ़ के 27 जिलों को पीछे छोड़ते हुए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 में अब तक सबसे ज्यादा परिवारों को 100 दिनों का रोजगार देने में प्रथम स्थान पर है. जानकारी के मुताबिक पूरे राज्य में जून महीने तक 55 हजार 981 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार दिया गया है, जिसमें से कवर्धा जिला अकेले ही लगभग 11 प्रतिशत मतलब 6 हजार 139 परिवारों को 100 दिन का रोजगार दे चुका है. वहीं कवर्धा जिले के बाद बिलासपुर और राजनांदगांव दूसरे और तीसरे स्थान पर है.
मनरेगा के तहत बड़ी संख्या में लोगों को मिला रोजगार
मनरेगा के अंतर्गत जिले में बड़ी संख्या पर रोजगार मूलक कार्य कराए जा रहे हैं. यह पहला अवसर है कि बीते महीनो में लगभग 1 लाख 40 हजार मजदूर हर रोज काम कर रहे थे. चालू वित्तीय वर्ष में 1 लाख 47 हजार 862 परिवारों को रोजगार देते हुए अब तक 63 करोड़ 49 लाख से ज्यादा ग्रामीणों को रोजगार का सृजन किया जा चुका है.
कलेक्टर ने दी जानकारी
कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने बताया कि कोरोना महामारी के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन के दौरान रोजगार गारंटी योजना ग्रमीणों के लिए सहारा बन कर सामने आया है. एक ओर जहां शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर कम थे. वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार गारंटी योजना से लगातार काम मिल रहा था. मनरेगा के तहत तालाब, डबरी, कुआ, सड़क मिट्टीकरण जैसे हितग्राही मूलक कार्यों से ग्रामीण बहुत लाभान्वित हुए हैं. यही कारण है कि चालू वित्तीय वर्ष के अप्रैल, मई और जून महीने के दौरान ग्रामीणों को रोजगार दिया गया, जिसके कारण 6 हजार 100 से ज्यादा परिवारों को 100 दिन का रोजगार मिल गया है.
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मनरेगा के मामले में पहले स्थान पर छत्तीसगढ़
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मनरेगा के अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष के प्रथम दो महीने अप्रैल और मई के लिए दो करोड़ 88 लाख 14 हजार मानव दिवस रोजगार सृजन का लक्ष्य रखा गया था. यह इस वर्ष के लिए निर्धारित कुल लेबर बजट साढ़े तेरह करोड़ मानव दिवस का 37 प्रतिशत है. चालू वित्तीय वर्ष में जून तक 1 लाख 47 हजार 862 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया गया है. मनरेगा में प्रदेश में प्रति परिवार औसत 23 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया है, जबकि इसका राष्ट्रीय औसत 16 दिन है. इस मामले में छत्तीसगढ़ देश में पहले स्थान पर है.