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Put Baro Seri Badhan Campaign :कुपोषण के खिलाफ पुट बारो सेरी बाढ़न अभियान सुपरहिट, जानिए क्यों पड़ा ये नाम ?

Put Baro Seri Badhan campaign कवर्धा जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से एक कदम बढ़कर अभिनव पहल की शुरुआत की है.पुट बारो सेरी बाढ़न अभियान के कारण अब जिले में कुपोषित बच्चों की संख्या घटने लगी है. इस अभियान को जिले के कलेक्टर ने शुरु किया.जिसके बाद अब कुपोषण दर में भारी कमी आई है.war against malnutrition

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 30, 2023, 6:38 PM IST

Updated : Oct 2, 2023, 1:23 PM IST

Put Baro Seri Badhan Campaign
कुपोषण के खिलाफ पुट बारो सेरी बाढ़न अभियान सुपरहिट

कुपोषण के खिलाफ पुट बारो सेरी बाढ़न अभियान सुपरहिट

कवर्धा : छत्तीसगढ़ सरकार ने कुपोषण को मिटाने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाया है.इसके लिए 2 अक्टूबर 2019 को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरुआत की गई. इस अभियान के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से गर्भवती महिलाएं, बच्चों को जन्म देने वाली माताएं और 6 साल तक के बच्चों को गरम पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया गया.बावजूद इसके सुदूर अंचलों में इस योजना का लाभ महिलाओं और बच्चों को नहीं मिल रहा था.उनमें से एक जिला कवर्धा भी था.जहां के सुदूर इलाकों में बसी आबादी तक सुपोषण योजना को पहुंचाना चुनौती पूर्ण था.यही वजह थी कि इन इलाकों में कुपोषण दर ज्यादा था.

कलेक्टर ने शुरु किया अभियान : राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के आंकड़ों में महिलाओं एवं बच्चों के कुपोषण और एनीमिया की दर को देखते हुए कवर्धा कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने नए अभियान की शुरुआत की.11 अप्रैल 2023 से ‘पुट बारो-सेरी बाढ़न’ अभियान की शुरुआत हुई.जिसके तहत मुख्यमंत्री सुपोषण योजना को विस्तारित किया गया. इसके अंतर्गत जिन जगहों पर आंगनबाड़ी केंद्र नहीं थे वहां की माताओं और बच्चों को पोषण देने का काम शुरु हुआ. जिसके बाद वनांचल क्षेत्रों के मजरा टोला और पारा में अभियान सफल रहा.


क्या है ‘ पुट बारो सेरी बाढ़न ’ का मतलब :कवर्धा जिले में आदिवासी बसाहट ज्यादा है.जो बैगानी बोली बोलते हैं.इसी बोली में अभियान का नाम पुट बारो सेरी बाढ़न रखा गया.जिसका हिंदी में मतलब स्वस्थ जच्चा,सुपोषित बच्चा है. जिले के 63 पारा टोला में अभियान शुरु हुआ. जहां सभी बच्चों को नियमित रूप से गरम पका भोजन मिल रहा है. इस कार्यक्रम से तरेगांव वन में 300, चिल्फी में 291, कुकदुर में 725 और बोडला में 278 हितग्राहियों को लाभ मिल रहा हैं. मौजूदा समय में अभियान में जुड़े हितग्राहियों की कुल संख्या 1594 हो गई है.

पौष्टिक भोजन में किन चीजों को किया गया शामिल :‘पुट बारो सेरी बाढ़न’ कार्यक्रम ’मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान’ से एक कदम आगे की सोच कहा जा सकता है. जिसमें गरम पौष्टिक भोजन बांटना अनिवार्य किया गया है. अभियान के तहत रोटी, चावल, मिश्रित दाल, हरी सब्जियां, खीर, पूड़ी, गुड़ और भुनी हुई मूंगफली को शामिल करके मेनू बनाया गया है.

कुपोषण दर में आई कमी :महिला एवं बाल विकास अधिकारी आनंद तिवारी के मुताबिक दुर्गम क्षेत्र में रहने वाले पारा टोला के बच्चों को मुख्यमंत्री सुपोषण योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था. इसलिए कलेक्टर जनमेजय महोबे के निर्देश पर पुट बारो, सेरी बाढ़न अभियान चलाया जा रहा है. जिसके बाद कुपोषित बच्चों की संख्या में भारी गिरावट आई है.

वहीं कलेक्टर जन्मेजय महोबे की माने तो पुट बारो सेरी बाढ़न जैसी अभिनव पहल और स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों से कबीरधाम जिला कुपोषण मुक्त होगा.जो आने वाले दिनों में दूसरे जिलों के लिए उदाहरण बनेगा.

''जिला खनिज न्यास (डीएमएफ) का बेहतर उपयोग करके मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत छूटे पारा-टोले के हितग्राहियों को आंगनबाड़ी की तरह की गरम और पौष्टिक भोजन मिलने लगा है. पारा-टोलों में ही रेडी-टू-ईट का वितरण किया जा रहा है.'' जनमेजय महोबे, कलेक्टर

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कवर्धा में कुपोषित बच्चों के आंकड़े

  • 2019 में 19.56 %
  • 2021 में 17.61%
  • 2022 में 15.73 %

    आपको बता दें कि सरकार के साथ जिला प्रशासन कुपोषण की दर को कम करने में जुटा हुआ है. जिले में लगभग 80 हजार बच्चों में से 13 हजार बच्चे कुपोषित हैं. जिनमें से 17 गंभीर स्थिति में हैं.इनका इलाज एनआरसी में जारी है.लेकिन जिस तरह से कलेक्टर ने अभियान शुरु किया है वो दिन दूर नहीं जब कवर्धा जिला कुपोषण मुक्त होगा.जिसमें पुट बारो सेरी बाढ़न अभियान का योगदान भी होगा.
Last Updated : Oct 2, 2023, 1:23 PM IST

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