पंडरिया :कवर्धा जिले के पंडरिया ब्लॉक के कई गांव अपनी सड़क की दुर्दशा पर आंसू बहा रहे हैं. शहरों में बड़े बड़े विज्ञापनों में छत्तीसगढ़ की चमचमाती सड़कों की कहानियां गढ़ी जाती है. लेकिन जिन गांवों में असली छत्तीसगढ़ी बसते हैं.वहां की सड़क कैसी है ये आपको इस रिपोर्ट में पता चल जाएगा. देश में अनेक गांव ऐसे हैं जहां आप पैदल भी पहुंच सकते हैं. आजादी के बाद गांवों ने काफी तरक्की कर ली है. लेकिन पंडरिया ब्लॉक का कापा गांव पैदल चलकर गांव आने वालों के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं.क्योंकि इस गांव ने आजादी से लेकर अब तक सड़क नहीं देखी है.आज भी बारिश में गांव का संपर्क पास के दूसरे गांवों से टूट जाता है.
सड़क के लिए तरस रहा गांव : जिस गांव के बारे में हम बात कर रहे हैं वो सबसे बड़े ग्राम पंचायत रुसे का एक हिस्सा है.इस पंचायत में फंड की जरा भी कमी नहीं है. इस फंड से आसानी से कापा गांव के लिए जरुरत लायक सड़क निर्माण किया जा सकता है.लेकिन आज तक ऐसा नहीं हो सका है.जिसके कारण गांववालों को तकलीफ में जीवन गुजारना पड़ रहा है.इस गांव में यदि इमरजेंसी हो जाए तो मरीज को खाट पर लेकर पास की सड़क तक पहुंचाना होता है.ताकि उसे समय पर इलाज मिल सके.सड़क की मांग को लेकर कई बार अफसरों तक ग्रामीणों ने आवेदन किए हैं. लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.