कवर्धा: कोरोना वायरस के नियंत्रण और रोकथाम के लिए पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया गया है. लॉकडाउन के दौरान कवर्धा में दूसरे राज्यों और पड़ोसी जिलों से आने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष राहत शिविर का संचालन किया जा रहा है. यह राहत शिविर कवर्धा के बोडला, पंडरिया, सहसपुर और लोहारा विकासखंड में संचालित किए जा रहे हैं.
श्रमिकों के लिए भोजन व ठहरने की व्यवस्था वहीं जिले के आदिवासी बाहुल्य विकाखंड़ों में संचालित आश्रम-छात्रावासों को प्रवासी श्रमिकों के लिए राहत शिविर के रूप में संचालन किया जा रहा है. प्रवासी मजदूरों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो और उनका नियमित स्वास्थ्य परीक्षण होता रहे, इसके लिए कलेक्टर अवनीश कुमार शरण की ओर से अलग-अलग अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है.
प्रवासी श्रमिकों के लिए विशेष राहत शिविर का संचालन 32 श्रमिकों का कराया गया स्वास्थ्य परीक्षण
कवर्धा ब्लॉक के भागूटोला गांव में संचालित इस राहत शिविर में 50 मजदूरों के लिए भोजन, शुद्ध पेयजल और आराम करने के लिए व्यवस्था कराई गई है. इस शिविर में मंगलवार की सुबह 32 मजदूरों को स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि किसी भी मजदूर में कोरोना वायरस के लक्षण नहीं दिखे हैं. राहत शिविर में ठहरे प्रवासी मजदूर अधिकांश मध्यप्रदेश के बिछिया के रहने वाले हैं.
श्रमिकों के लिए भोजन व ठहरने की व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से कराई जा रही व्यवस्था
बता दें कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए किए गए लॉकडाउन के दौरान सभी मजदूर अपने घर के लिए पैदल ही निकल गए थे. सभी मजदूरों को कबीरधाम जिले के प्रवेश द्वार दशरंगपुर बेरियर में रोक लिया गया. मजदूरों से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि वे अपने घर लौटने के लिए पैदल निकले थे. वहीं कलेक्टर के निर्देशन पर सभी प्रवासी मजदूरों को राहत शिविर में ठहराया गया है, जहां उनके भोजन और आराम करने की व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से कराई जा रही है.