कवर्धा : जिले के हजारों परिवारों को आवास मिलने का इंतजार है. दूसरी और तीसरी किस्त की राशि नहीं मिलने के कारण आवास का काम अधूरा है. जिला पंचायत CEO विजय दयाराम का कहना है कि किस्त की राशि नहीं मिलने के कारण और कोरोना के कारण आवास निर्माण का काम अधूरा है.
2016 में प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना को शुरू करने का लक्ष्य हितग्राहियों को छत देना था. 2022 तक इस लक्ष्य को पूरा किया जाना था. लेकिन सरकारी अमले की उदासीनता के कारण गरीबों के पक्के मकान का सपना अधूरा है. वे आज भी झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं.