कवर्धा: रेंगाखार थाना क्षेत्र के खम्हरिया गांव के ग्रामीण और आदिवासी समाज के लोगों ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया है. मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने बुधवार को थाने का घेराव कर दिया. इस दौरान ग्रामीणों के पुलिस पर पथराव करने की बात सामने आई. जिसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ग्रामीणों पर बलप्रयोग कर दिया.
पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प इस विवाद में दोनों पक्षों के करीब 12 से ज्यादा लोग घायल हो गए. इनमें कई टीआई भी शामिल हैं. वहीं वनांचल और नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण पुलिस ने एहतियात बरतते हुए ग्रामीणों को समझाकर मामला शांत कराया. ग्रामीणों ने तीन दिन के भीतर मारपीट करने वाले पुलिसवालों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की. पुलिस के समझाने के बाद सभी लोग वापस लौट गए.
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पुलिस पर मारपीट का आरोप
दरअसल हफ्तेभर पहले खम्हरिया और मोहनपुर के बीच पुलिस को अवैध रेत से भरे दो ट्रक लावारिस हालत में मिले थे. पुलिस जांच करने के लिए रात में ही निकली. वो वाहन मालिक की तलाश करते हुए रेंगाखार के खम्हरिया गांव पहुंची, जहां वाहन मालिक घर में नहीं मिला. ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के सावंत राम से वाहन मालिक के बारे में पूछताछ करते हुए पुलिस ने उससे मारपीट की है.
थाने के सामने बैठे ग्रामीण मारपीट को लेकर उग्र हुए ग्रामीण
पीड़ित के परिजन और आदिवासी समाज के लोगों ने अगली सुबह रेंगाखार थाने में मामले की शिकायत की. साथ ही पुलिस वालों पर मारपीट करने का आरोप लगाया. इसके बाद कार्रवाई की मांग को लेकर ग्रामीणों ने थाने का घेराव कर दिया. इस दौरान पुलिस और ग्रामीणों में झड़प हो गई. हालांकि रात में आला अधिकारियों की समझाइश के बाद ग्रामीणों ने मारपीट करने वाले पुलिस वालों पर एफआईआर दर्ज करने के लिए तीन दिन का समय दिया. तीन दिन बाद भी अगर एफआईआर नहीं होती है, तो ग्रामीणों ने फिर से उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.