कवर्धा: सरकारी स्कूलों के बदहाली की तस्वीर बदलने के लिए सरकार लाखों खर्च कर कई तरह के योजना चला रही है, लेकिन कवर्धा जिले के शासकीय स्कूलों की दशा में कोई सुधार नहीं दिख रहा है. यहां के नौनिहाल जर्जर भवन में अपना भविष्य गढ़ने को मजबूर हैं.
हम बात कर रहे हैं कवर्धा के सरेखा ग्राम पंचायत के आश्रित गांव बरभांवर की, जो जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. जहां के बरभांवर गांव सरकारी स्कूल में वर्तमान में 60 छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं. यहां पढ़ने वाले बच्चों का कहना है कि, स्कूल भवन बुरी तरह से जर्जर हो चुका है. वहीं स्कूल का शौचालय भी उपयोग करने लायक नहीं है.
एक ही कमरे में पढ़ने को मजबूर हैं पहली से 5वीं के छात्र
बता दें कि इस स्कूल में पहली से 5वीं कक्षा के छात्रों को एक ही क्लासरूम में पढ़ाया जाता है. हालांकि स्कूल में बहुत से कमरे हैं, लेकिन स्कूल के दूसरे कमरों मे शिक्षक और बच्चे घुसने से भी डरते हैं. इसकी वजह यह है कि स्कूल इतनी जर्जर हो चुकी है कि कभी भी छत और स्कूल की दिवारें गिर सकती हैं. ऐसा नहीं की इस बात की जानकारी प्रशासन को नहीं है. इस स्कूल को लेकर शिक्षक, जनप्रतिनिधि और छात्रों के पालक जिला शिक्षा अधिकारी और जिला प्रशासन को लिखित शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
आश्वासन के बाद भी नहीं बदला हाल
छात्रों के पालकों का कहना है कि, दो साल पहले कलेक्टर को आवेदन देने पर बोड़ला एसडीएम निरीक्षण करने स्कूल पहुंचे थे. वहीं उस समय स्कूल की स्तिथि को देखकर उन्होंने पहली से पांचवीं तक के सभी बच्चों को एक ही कक्षा में पढ़ने के लिए कहा था और जल्द ही स्कूल का नवनिर्माण करने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन आज तक स्कूल का नवनिर्माण तो दूर रिपेयरिंग भी नहीं हुआ है. तब से लेकर अब तक सभी बच्चे एक ही कक्षा में पढ़ाई कर रहे हैं.