Chhattisgarh Election 2023 : किसानों ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान, सीएम भूपेश के नाम भेजा संकल्प पत्र
Election Boycott Threat सुतियापाट नहर निस्तारीकरण की मांग पर भारतीय किसान संघ के बैनर तले 26 गांव के किसानों ने चुनाव बहिष्कार करने का फैसला लिया है. इसे लेकर भारतीय किसान संघ और विचारपुर के किसान 50 रुपए के स्टांप में मुख्यमंत्री के नाम प्रशासन को संकल्प पत्र भर कर सौंपा है. हर पंद्रह दिन में एक गांव के किसान संकल्प पत्र भरकर सीएम को सौंपेंगे. chhattisgarh election 2023 boycott in kawardha
किसानों ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान
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Published : Jun 16, 2023, 2:19 PM IST
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Updated : Jun 16, 2023, 8:56 PM IST
किसानों ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान
कवर्धा: कबीरधाम जिले के लोहारा ब्लॉक अंतर्गत सुतियापाट नहर निस्तारीकरण की मांग तेज हो गई है. मांग पूरी नहीं होने पर भारतीय किसान संघ और ग्राम विचारपुर के किसान 50 रुपए के स्टांप में विधानसभा चुनाव बहिष्कार का संकल्प पत्र भरकर मुख्यमंत्री के नाम लोहारा एसडीएम को सौंपा है.किसानों को आरोप है कि जब तक सुतियापाट नहर निस्तारीकरण का काम नहीं हो जाता,तब तक लोहारा ब्लॉक के 26 गांव के किसान चुनाव का बहिष्कार करते रहेंगे.सभी लोग वोट नहीं डालेंगे. वर्तमान में विचारपुर के किसान ने 50 के स्टांप में किसानों ने चुनाव बहिष्कार का संकल्प पत्र भरकर लोहारा एसडीएम को दिया है.हर 15 दिन में एक एक-गांव संकल्प पत्र सौंपेगा.
पहले भी हो चुका है आंदोलन : भारतीय किसान संघ के बैनर तले आसपास गांव के किसान सुतियापाट नहर निस्तारीकरण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री,मंत्री, विधायक,कलेक्टर,एसडीएम को ज्ञापन सौंप कर मांग कर चुके हैं. इसके साथ ही किसानों ने धरना-प्रदर्शन, रैली, चक्काजाम, जल सत्याग्रह जैसे आंदोलन किया है.इसके बाद भी किसानों की मांग पूरी नहीं हुई.अब किसानों ने मांग ना पूरी होती देख चुनाव बहिष्कार की धमकी दी है.
क्या आ रही है दिक्कत : लोहारा ब्लॉक अंतर्गत सुतियापाट जलाशय से क्षेत्र के 26 गांव के किसान कृषि कार्य के लिए जलाशय का पानी लेना चाहते हैं. लेकिन तकनीकी दिक्कतों के कारण कार्य नहर निस्तारीकरण का कार्य अब तक नहीं हो पाया है. इसके अलावा लोहारा ब्लॉक में दो नये जलाशय का भी निर्माण कराया जा रहा है. लेकिन किसान सुतियापाट जलाशय से ही नहर निस्तारीकरण की मांग कर रहे हैं. शासन ने किसानों की मांग ना पूरी करते हुए कृषि कार्य के लिए पानी उपलब्ध करने नया जलाशय का निर्माण करा दिया.बावजूद किसान अपनी मांग पर अड़े हुए हैं.
कब से हो रही है मांग :यहां मांग बीजेपी शासन काल से की जा रही है. वर्ष 2016 में नहर निस्तारीकरण का सर्वे भी कराया गया . लेकिन तकनीकी दिक्कत के कारण काम ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. लेकिन वर्ष 2018 में तत्कालीन सरकार को प्रदेश सरकार जाने का आभास हुआ तो पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने गृह विधानसभा सीट को बचाने दांव खेला. 2018 सुतियापाट नहर निस्तारिकरण की मांग पर 16.50 करोड़ की स्वीकृति दे दी. बावजूद 2018 का चुनाव बीजेपी हार गई.कांग्रेस जब सत्ता में आई तो दोबारा नहर के निस्तारीकरण का सर्वे कराया.लेकिन अब तक काम नहीं पूरा हुआ.