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Kawardha News: तेंदूपत्ता तोड़ने गए ग्रामीण पर भालुओं ने किया हमला

कवर्धा में तेंदूपत्ता तोड़ने गए ग्रामीण पर भालुओं ने हमला कर दिया. ग्रामीण की आवाज सुनकर आसपास के लोगों ने भालुओं से उसे बचाया. भालू के हमले से ग्रामीण घायल हो गया है. ग्रामीण का इलाज कवर्धा जिला अस्पताल में किया जा रहा है.Kawardha Bears

attacked by bears
भालुओं ने किया हमला

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Published : May 15, 2023, 2:06 PM IST

कवर्धा: कवर्धा में इन दिनों भालू का आतंक देखने को मिल रहा है. जिले के भोरमदेव अभ्यारण क्षेत्र के करियाआमा गांव के पास के जंगल में ग्रामीण पर 2 भालुओं ने हमला कर दिया. ग्रामीण इस जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ने आया था, उसी वक्त भालूओं ने उसपर हमला कर घायल कर दिया.

आवाज सुनकर लोगों ने बचाया:तेंदूपत्ता तोड़ रहे शख्स पर भालूओं के हमले के बाद आवाज सुनकर आसपास के लोगों ने उसे बचाया. हालांकि भालूओं के हमले से ग्रामीण बुरी तरह घायल हो चुका था. ग्रामीण के सिर, हाथ और पैर पर काफी चोट लगी है. आसपास के लोगों ने ग्रामीण को कंधे पर उठाकर पहले जंगल से बहार निकला फिर 108 एंबुलेंस को सूचना दी.

घायल का इलाज जारी: सूचना पाकर मौके पर पहुंची एंबुलेंस की टीम ने घायल को कवर्धा जिला अस्पताल में भर्ती कराया. कवर्धा जिला अस्पताल में युवक का इलाज किया जा रहा है. घायल ग्रामीण की हालत फिलहाल नाजुक बताई जा रही है. सूचना मिलते ही वन विभाग के कर्मचारी जिला अस्पताल पहुंचे. वन विभाग ने घायल से घटना की जानकारी ली. वन अधिनियम के तहत घायल को तत्काल सहायता राशि मुहैया कराया गया.

"आज भोरमदेव अभ्यारण के करियाआमा गांव के पास जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ने गए ग्रामीण पर भालू ने हमला कर दिया. भालू के हमले से ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गया है. वनकर्मी घायल से मिलने अस्पताल गए थे. मुआवजा के संबंध में घायल के परिजनों को बता दिया गया है."-चुड़ामणी सिंह, वन मंडल अधिकारी

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ग्रामीण में जंगली जानवरों का खौफ: कवर्धा जिला वनों से घिरा हुआ है. वनों के आसपास रहने वाले ग्रामीण जंगली उपज के लिए अक्सर जंगल जाते हैं. इसे बेचकर ग्रामीण अपना जीवन यापन करते हैं. इन दिनों तेंदूपत्ता का सीजन चल रहा है. बड़ी संख्या में ग्रामीण तेंदूपत्ता तोड़ने जंगल जाते हैं. कई बार ग्रामीणों का सामना जंगली जानवरों से हो जाता है. भीड़ में रहने के कारण जंगली जानवर वहां से भाग जाते हैं, लेकिन किसी ग्रामीण को अकेले पाने पर हमला भी कर देते हैं. ऐसे में ग्रामीणों को जंगली जानवर का सामना होने से बचने के लिए पहले ट्रेनिंग दी जाती थी. लेकिन अब इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. यही कारण है ग्रामीण अक्सर जंगली जानवरों का शिकार बन रहे हैं.

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