कवर्धा: कोरोना संक्रमण के मद्देनजर पूरे देश में लॉकडाउन है, ऐसे में सबकी जिंदगी रुक सी गई है. देश का हर वर्ग इस लॉकडाउन से प्रभावित है, लेकिन सबसे ज्यादा मार मजदूरों को पड़ी है. देश के अलग-अलग कोने से लगातार मजदूरों के पलायन की तस्वीरें सामने आ रही हैं.
84 मजदूर पैदल ही निकले अपने घर ताजा मामला पंडरिया के ग्राम मकरी का है. यहां बुधवार की दोपहर मध्यप्रदेश जाने वाले 84 मजदूरों के ठहरने की खबर मिली. इन मजदूरों में महिलाएं, छोटे बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं. सभी मजदूर अपनी थकान मिटाने और खाने-पीने के लिए पंडरिया में रुके हैं.
कवर्धा: बिना रोक-टोक जिले में दाखिल हो रहे प्रवासी मजदूर, कोरोना का खतरा
मजदूरों ने बताया कि वे सभी ईंट भट्टे कंपनी में मजदूरी करते थे. लॉकडाउन की वजह से इनका काम 2 महीने से बंद है. अब इनके पास कोई रोजगार नहीं है, जिससे इन्हें जीवनयापन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ये मजदूर पैदल ही भूखे-प्यासे बच्चों के साथ निकल पड़े हैं. सभी मजदूरों ने सरकार से मदद की उम्मीद की थी, लेकिन इन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया.
साइकिल पर सवार होकर कवर्धा से कोलकाता के लिए निकले मजदूर
इन सभी मजदूरों के एक साथ गांव में आने से गांव के लोगों में काफी दहशत देखने को मिल रही है. ग्रामीणों का कहना है कि कोरोना वायरस के इस माहौल में इतने सारे मजदूरों का बाहर से आना उनके लिए खतरा बन सकता है. वहीं कुछ दिन पहले भी बिना रोक-टोक के प्रवासी मजदूर जिले में दाखिल हुए थे. प्रवासी मजदूर बिना स्वास्थ्य चेकअप के ही दाखिल हो रहे हैं, जिससे जिले में भयावह स्थिति पैदा हो सकती है.