जशपुर: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए श्रमिक अपने घर लौट रहे हैं. इस दौरान साधनों के अभाव में हजारों मजदूर मालवाहक वाहनों के छत पर बैठ कर जान जोखिम में डाल कर सफर कर रहे हैं. इस दौरान उनके वाहनों से नीचे गिरने और चोट लगने से लेकर मौत तक होने का खतरा है. इसे देखते हुए जशपुर यातयात पुलिस इन मालवाहक में ऊपर असुरक्षित रूप से सफर करने वालों को उतार कर सुरक्षित तरीके से भेजने की व्यवस्था कर रही है. साथ ही इन प्रवसी मजदूरों को पानी बिस्किट भी दे रही है.
श्रमिक असुरक्षित तरीके से सफर कर रहे बोरियों से लदे ट्रक में बैठ कर घर पहुंचे मजदूर
दरअसल जिले से झारखंड, बिहार, ओडिशा की सीमाएं लगती हैं, जिस कारण इन राज्यों में जाने वाले हजारों प्रवासी मजदूर जिले से होकर गुजर रहे हैं. वहीं ये मजदूर साधन और पैसे के अभाव में माल से लदे ट्रकों के ऊपर बैठकर जा रहे है. इसी कड़ी में चना की बोरियों से लदे हुए ट्रक के उपर बैठकर झारखंड जा रहे हैं.
पढ़ें- 7 साल से महेंद्र कर्मा के PSO का हथियार इस्तमाल कर रहे थे नक्सली, मानपुर मुठभेड़ में बरामद
पुलिस ने व्यवस्था कर मजदूरों को किया रवाना
मजदूरों को जशपुर यातायात पुलिस की टीम ने दूसरे वाहन की व्यवस्था कर उन्हें घर के लिए रवाना किया. कटनी, गुमला, राष्ट्रीय राजमार्ग में शहर के नजदीक गिरांग मोड़ पर यातायात प्रभारी सौरभ चंद्राकर अपनी टीम के साथ वाहनों की आवाजाही पर नजर रखे हुए थे. इसी दौरान रायगढ़ की ओर से मजदूरों को लेकर आ रहे एक ट्रक पर उनकी नजर पड़ी. इस ट्रक पर लदी बोरियों के ऊपर मजदूर बैठे हुए थे. सूबेदार यातायात प्रभारी सौरभ चंद्राकर के निर्देश पर तत्काल तेज रफ्तार ट्रक को रोका और मजदूरों को नीचे उतारा. ट्रक चालक ने बताया कि रायगढ़ जिले के लैलूंगा में शासकीय कर्मचारियों की एक टीम ने इन मजदूरों को झारखंड ले जाने का निर्देश देते हुए ट्रक के उपर बैठा दिया था.
रोजगार की तलाश में आए थे छत्तीसगढ़
ट्रक में सवार मजदूर धनकुंवर उरांव ने बताया कि वे झारखंड के लोहरदग्गा का रहने वाला है. रोजगार की तलाश में वे छत्तीसगढ़ आए थे. यहां जांजगीर चांपा जिले में ठेकेदार के अंडर में मोबाइल कंपनी का केबल बिछाने का काम करते थे. लॉकडाउन की वजह से काम पूरी तरह से बंद हो गया था. इसके बााद वो 55 दिन तक चांपा में ही फंसे रहे.
श्रमिक असुरक्षित तरीके से सफर कर रहे ट्रक पर बैठ जा रहे थे झारखंड
इस बीच ठेकेदार ने उन्हें मजदूरी का भुगतान तो किया, लेकिन लॉकडाउन के दौरान राशन उपलब्ध कराने में असमर्थतता जता दी. जिस कारण उनके सामने भूखे मरने की नौबत आ गई. तब मजबूर हो कर उन्होंने झारखंड लौटने का निर्णय लिया. जिसके बाद वे वहीं से पैदल ही चांपा से निकल पड़े रास्ते में लेलूंगा के पास एक ट्रक मिला, जिसपर बैठ वे झारखंड लौट रहे थे. इसी दौरान जशपुर यातयात पुलिस ने उन्हें ट्रक से उतार कर सुरक्षित झारखंड के लिए रवाना कर दिया है.