जशपुर: लॉकडाउन में ग्रामीण स्व-सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक स्थिति को सुधारने में लगी हुई हैं. इसी कड़ी में समूह की महिलाओं ने मास्क बनाने शुरू किए थे. समूह की महिलाएं अब कर 12 लाख रुपये से अधिक की आमदनी कर चुकी हैं.
स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बनाए 89 हजार मास्क बिहान योजना के सहायक परियोजना अधिकारी ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए इन स्व सहायता समूह की महिलाओं ने मास्क बनाने का जिम्मा लिया है. यह महिलाएं बखूबी इसे तैयार करने में जुटी हुई हैं. महिलाएं घर में रहकर ही सूती कपड़े से डबल लेयर मास्क तैयार कर रही हैं.
पढ़े:अजीत जोगी: गोल्ड मेडलिस्ट इंजीनियर, शिक्षक और अफसर से लेकर राजनीति के बुलंद सितारे तक
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बिहान कार्यक्रम से जुड़ी 51 स्व सहायता समूह की कुल 408 महिलाएं कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए कपड़े से अब तक 88 हजार 550 मास्क तैयार कर चुकी हैं. इन मास्क के विक्रय से इन स्व सहायता समूह की महिलाओं को 12 लाख 580 रुपये की आमदनी हुई है. इन महिलाओं ने मास्क तैयार करने के बाद इसे पूर्ण रूप से सैनिटाइज कर स्वास्थ्य विभाग और अन्य सरकारी विभागों में सप्लाई किया है.
जिले की इन स्व सहायता समूह की महिलाओं को प्रशासन के सहयोग से मास्क तैयार कराया जा रहा है. इस मास्क को अच्छी तरह से धोकर उपयोग में लाया जा रहा है. महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं ने इसे लॉकडाउन के दौरान घर पर काम करते हुए बहुत ही कम दिनों में इसे तैयार किया है. इसके लिए ये महिलाएं अपने घरेलू कार्यों को निपटाने के बाद दिन-रात मास्क बनाने में जुटी हैं.
घर बैठे ही रोजगार
कोरोना संक्रमण के समय स्व सहायता समूह की महिलाओं की ओर से मास्क तैयार कर बेहतर कार्य किया जा रहा है. इससे महिलाओं को घर बैठे ही रोजगार मिल रहा है. साथ ही प्रशासन को भी मास्क की कमी नहीं हो रही है.