जशपुरः बटाइकेला गौठान की स्व सहायता समूह की महिलाएं शासन की योजनाओं का लाभ उठा रही हैं. साथ ही ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ कर हर्बल गुलाल बनाकर बेच रही हैं. इन महिलाओं को कृषि विज्ञान केंद्र डूमरबहार के कृषि वैज्ञानिकों ने हर्बल गुलाल बनाने का प्रशिक्षण दिया. महिलाएं गुलाल बनाकर जिलेभर में अलग-अलग स्थानों पर स्टॉल लगाकर हर्बल गुलाल का विक्रय कर आत्मनिर्भर बन रही हैं. गुलाल बनाने में मुख्य रूप से पालक,पपीता, चुकंदर जैसी हरी सब्जियों का इस्तेमाल किया गया है. जो सेहत के लिए बिल्कुल भी नुकसानदेय नही है.
हर्बल गुलाल बनाने का लक्ष्य
सहायक परियोजना अधिकारी मनोज रमाकांत मिश्र ने बताया कि, बिहान से जुड़ी महिलाओं को छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है. होली को देखते हुए हर्बल गुलाल बनाने का लक्ष्य रखा गया है. गुलाल बनाने के लिए महिलाएं पालक के पत्ते, चुकंदर और हल्दी का प्रयोग करती हैं. जिसके लिए कोई विशेष मशीन उपयोग नहीं किया जाता है. केवल मिक्सर मशीन का ही उपयोग किया जाता है. बाकी का काम महिलाएं अपने हाथों से करती हैं.
महिलाएं स्टॉल लगाकर बेच रही गुलाल
समूह की महिलाओं ने जशपुर शहर के कलेक्ट्रेट कार्यालय जिला पंचायत कार्यालय सहित अन्य स्थानों पर हर्बल गुलाल का स्टॉल लगाकर बेच रही हैं. बाजार में मिलने वाले दूसरे केमिकल युक्त गुलाल से इस गुलाल को बेहतर विकल्प के तौर पर लोग चुन रहे हैं.