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हाथी के हमले में महिला की मौत, वन विभाग की चेतावनी के बाद भी गई थी जंगल - News related to Jashpur Forest Department

जशपुर जिले में हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. बता दें कि जिले के तपकरा वन परिक्षेत्र के जंगल में दो हाथियों ने मिलकर एक महिला को कुचलकर मौत के घाट उतार दिया है. वहीं घटना के बाद वन विभाग की ओर से मृतका के परिजनों को तात्कालिक सहायता राशि दे दी गई है.

Woman died due to elephant attack in jashpur
हाथी के हमले में महिला की मौत

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Published : Sep 16, 2020, 6:48 PM IST

जशपुर : छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्रों में हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. जानकारी के मुताबिक मंगलवार को हाथी के हमले में एक महिला की मौत हो गई है. घटना जिले के तपकरा वन परिक्षेत्र के सेमरताल ग्राम पंचायत की बताई जा रही है. जहां हाथियों ने एक महिला को कुचल कर मौत के घाट उतार दिया. फिलहाल वन अमले ने मौके पर पहुंचकर शव को जंगल से बाहर निकाल लिया है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. इसके साथ ही मृतका के परिजनों को तत्कालीन सहायता राशि भी दे दी गई है.

जानकारी के मुताबिक सेमरताल गांव की रहने वाली सुकांति बाई बस्ती के नजदीक जंगल में लकड़ी लाने गई थी. इसी दौरान उसका सामना जंगल मे भटक रहे दो हाथियों से हो गया. वहीं सामने हाथियों को खड़े देखकर महिला ने भागने की कोशिश की, लेकिन वह भाग नहीं पाई और जमीन पर गिर गई. जिसके बाद जमीन में गिरी सुकांति को हाथियों ने कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. घटना बीते रात की बताई जा रही है.

पढ़ें:कोरिया: हाथी ने ग्रामीण को कुचला, फसलों को पहुंचाया नुकसान

घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर जंगल में हाथियों की मौजूदगी को देखते हुए सावधानी पूर्वक महिला के शव को जंगल से निकाल लिया है. साथ ही शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. वहीं मृतका के परिजन को वन विभाग ने तात्कालिक आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध करा दी है.

वन विभाग ने दी थी चेतावनी

बताया जा रहा है कि सेमरताल के जंगल मे हाथियों की मौजूदगी को देखते हुए वन विभाग ने स्थानीय ग्रामीणों को चेतावनी देते हुए जंगल की ओर नहीं जाने की नसीहत दी थी. इसके बावजूद सुकांति जंगल गई थी, जिसकी वजह से उसकी जान चली गई.

हाथी के हमले से जशपुर में 22वीं मौत

बता दें कि साल 2020 में हाथी के हमले में मौत की यह 22वीं घटना है. 2010 से लेकर 2020 के दौरान एक दशक में इस साल हाथी के हमले में मौत का यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है. ओडिशा की सीमा पर स्थित तपकरा वन परिक्षेत्र हाथियों का स्थाई रहवास बन चुका है. वन विभाग के मुताबिक इस रेंज में अलग-अलग दलों में 20 से ज्यादा हाथी भटक रहे है. वहीं हाथियों की यह संख्या कभी-कभी 50 के पार भी पहुंच जाती है.

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