जशपुर:जिले में सरना धर्म कोड की मांग का विरोध शुरू हो गया है. जिसे लेकर जनजातीय सुरक्षा मंच ने शहर में विशेष सभा का आयोजन किया. इस सभा में जिले के साथ सरगुजा, रायगढ़, कोरिया के साथ झारखंड और ओडिशा से जनजातीय समाज के दिग्गज प्रतिनिधि जुटे. सभा में 'आदिवासी हिंदू है' पर विचार किया गया, साथ ही सरना धर्म कोड का विरोध किया गया.
जनजातीय सुरक्षा मंच के संरक्षक गणेश राम भगत ने बताया कि सभा में सरना धर्म कोड की मांग और इसकी छत्तीसगढ़ में आवश्यकता पर विचार किया गया. जनजातीय समाज के लोगों पक्ष और विपक्ष में प्रस्तुत किए गए तर्क को सुना गया और एक मत से निर्णय लिया गया कि आदिवासी हिन्दू है और हमे सरना धर्म कोड नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ बाहरी लोग आकर यहां लोगों को भड़काने का काम कर रहे हैं. आदिवासी प्रकृति की पूजा करने वाले और महादेव पार्वती की पूजा करने वाले हैं. हम हिंदू हैं, हमें धर्मकोट की आवश्यकता नहीं है.
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सरना धर्म कोड का विरोध
सरना धर्म कोड का मामला इन दिनों गरमाया हुआ है. झारखंड सरकार ने विधानसभा में इस मांग के पक्ष में प्रस्ताव पारित करके केंद्र सरकार को भेजा है. इसके बाद से ही झारखंड की सीमा पर स्थित जनजातीय बाहुल्य जशपुर जिले में समर्थकों ने इस मुद्दे को हवा देने की कोशिश शुरू कर दी है. बीते दिनों को शहर के नजदीकी गांव बालाछापर में कोड समर्थकों ने सभा और रैली का आयोजन किया था, लेकिन जिले के जनजातीय समाज के कड़े विरोध से कोड समर्थकों का यह प्रयास पूरी तरह से विफल साबित हो गया था.