जशपुर: शहर के रियासतकालीन सती उद्यान तालाब का अस्तित्व खतरे में है. तालाब जलकुंभियों और लोगों द्वारा फेंके गए कचरे से पूरी तरह से ढक चुका है. यह तालाब धर्मीक आस्था का केन्द्र होने के साथ शहर की पहचान है, लेकिन इसके संरक्षण के लिए किसी का कोई ध्यान नहीं है.
जहां सती उद्यान तालाब का उचित रख-रखाव और सफाई नहीं होने से इसके अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. वहीं इसे सहेजने की सरकारी कोशिशों में निजी मिलकीयत आड़े आ रही है. इधर, शहर के जलस्तर में लगातार गिरावट और सूखते जल स्रोतों ने शहरवासियों की चिंता बढ़ा दी है.
तालाब की सफाई का जिम्मा नगर पालिका पर है, लेकिन नगर पालिका के अधिकारियों ने कभी इसे गंभीरता से नहीं लिया. अब नगर पालिका के अधिकारियों का कहना है कि, तालाब को बचाने के लिए मास्टर प्लान बनाया गया है. मुख्य नगर पालिका अधिकारी बसंत बुनकर ने बताया कि, सरोवर धरोहर योजना के तहत तालाब को साफ किया जाएगा. इसके लिए नगर पालिका अपने वित्तीय संसाधनों का उपयोग करेगी. साथ ही तालाब का गहरीकरण भी किया जाएगा. इसके लिए पहले तालाब के पानी को बाहर निकालने का प्लान है. जिसपर काम मई महीने में शुरू किया जाएगा.
बसंत बुनकर ने बताया कि, जरूरत पड़ने पर कलेक्टर ने जिला खनिज न्यास निधि से राशि उप्लब्ध कराने का आश्वासन दिया है. बसंत कुमार ने बताया कि, वर्तमान में नगर पालिका के पास दो सरकारी तालाब है. इन तालाबों का रख-रखाव सरोवर धरोहर योजना के तहत किया जा रहा है. वहीं शहर के देउल बंध और सती उद्यान तालाब निजी संपत्ति वाले तालाब हैं, जिसका जीर्णोद्धार के लिए संबंधित तालाब के मालिकों से चर्चा की जा रही है.