जशपुर: शहर में बने प्रदेश के पहले वुडन इंडोर स्टेडियम में संचालित जुम्बा डांस को लेकर विवाद की स्थिति बन गई है. जिला प्रशासन ने 37 लाख की लागत से इस इंडोर स्टेडियम में बैडमिंटन कोर्ट की मरम्मत कराई थी. लेकिन इसके बाद इसे जुंबा डांस के लिए दिए जाने के बाद शहर के युवा खिलाड़ियों ने नाराजगी जाहिर की है. युवा खिलाड़ियों ने इस बैडमिंटन स्टेडियम को खेल के लिए देने की मांग की है. वहीं मामले में जिला शिक्षा अधिकारी ने जिला प्रशासन के उच्चाधिकारियों से बात कर आगे की कार्रवाई करने की बात कही है.
बैडमिंटन कोर्ट में जुंबा प्रैक्टिस शहर के जयस्तंभ चौक पर बने बैडमिंटन इंडोर स्टेडियम का निर्माण जिला बनने के दौरान किया गया था. लेकिन इस स्टेडियम का जीर्णोद्धार पिछले साल ही किया गया है. इसे बनाने के लिए इसके फर्श पर विशेष लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है. इसके जीर्णोद्धार के बाद इससे जुंबा डांस करने के लिए दे दिया गया और यहां खेल रहे खिलाड़ियों को हटा दिया गया.
स्टेडियम मुहैया कराने की मांग
युवा खिलाड़ियों ने स्टेडियम मुहैया कराने की मांग की है. युवाओं ने स्टेडियम के अवैध इस्तेमाल से स्टेडियम के कीमती वुडन फ्लोर को हो रहे नुकसान पर भी चिंता जाहिर की है. खिलाड़ियों ने जुंबा डांस क्लास के लिए अलग से व्यवस्था कर, स्टेडियम को खेल के लिए और प्रैक्टिस करने के लिए फिर से उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों को ज्ञापन सौंपने का निर्णय भी लिया है.
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छत्तीसगढ़ का पहला वुडन कोर्ट
युवा खिलाड़ी शुभम यादव, विवेक गुप्ता, दिव्यानी, मोहित और एहसान अंसारी ने बताया कि जशपुर का इंडोर बैडमिंटन कोर्ट, छत्तीसगढ़ का पहला वुडन बैडमिंटन कोर्ट है. इस कोर्ट में शहर के बड़े अधिकारियों से लेकर खिलाड़ी प्रैक्टिस करते रहें हैं. साल 2019 में जिला प्रशासन ने खनिज न्यास निधि मद के सहयोग से करीब 37 लाख रूपए की लागत से इस इंडोर स्टेडियम की मरम्मत और नवीनीकरण कराया है. लेकिन नवीनीकरण का काम पूरा होते ही, इसे बैडमिंटन खिलाड़ियों की बजाए महिलाओं को जुंबा क्लास संचालन के लिए सौंप दिया गया है. जबकि स्टेडियम अब भी बैंडमिंटन कोर्ट के रूप में ही संचालित किया जा रहा है.
फ्लोर को पहुंच रहा नुकसान: खिलाड़ी
खिलाड़ियों ने बताया कि स्टेडियम में लगा हुआ वुडन फ्लोर बेहद कीमती होता है. इसका उपयोग भी बहुत सावधानी बरतते हुए किया जाता है. लेकिन इन दिनों महिलाओं की ओर से किए जा रहे जुंबा प्रैक्टिस में जूते और सैंडिल का उपयोग होने से इसे नुकसान पहुंच रहा है. युवाओं का कहना था कि महिलाओं को जुंबा प्रैक्टिस के लिए अलग से व्यवस्था की जा सकती है. इसके लिए बैडमिंटन कोर्ट का इस तरह का दुरूपयोग कतई सही नहीं है.
शिक्षा अधिकारी ने कही कार्रवाई की बात
विवादों में घिरा हुआ इंडोर बैडमिंटन कोर्ट फिलहाल, जिला शिक्षा अधिकारी के अधीन है. इसका इस्तेमाल जुंबा प्रैक्टिस के लिए किया जा रहा है. जिला शिक्षा अधिकारी एन कुजूर ने बताया कि स्टेडियम के बनने के बाद से इसे जिला प्रशासन ने जुम्बा डांस के लिए दे दिया गया था. इस मामले में वे जिले के उच्च अधिकारियों से बात कर आगे की कार्रवाई करेंगे.