जशपुर:छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक शुक्रवार को जशपुर के दौरे पर रहीं. इस दौरान उन्होंने महिलाओं के उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों की सुनवाई की. जिले में 20 प्रकरणों की सुनवाई की गई. जिसमे निजी अस्पताल में बच्चा बदले जाने के एक बीस साल पुराने प्रकरण में राज्य महिला आयोग ने डीएनए जांच कराने का आदेश दिया है. आयोग के इस फैसले से प्रशासनिक अमले में हलचल मच गई. डीएनए रिपोर्ट, प्रार्थी दंपत्ति के पक्ष में आने की स्थिति में निजी अस्पताल प्रबंधन के साथ-साथ इस मामले में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है.
किरणमयी नायक ने महिलाओं के उत्पीड़न मामले में सुनवाई की राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक, एक दिन के प्रवास पर जशपुर पहुंची थी. शुक्रवार को कलेक्टर कार्यालय के सभागार में महिला आयोग में दर्ज किए गए 20 मामलों की सुनवाई उन्होंने पूरी की. इस दौरान जिले के दुलदुला थाना क्षेत्र के बांसपतरा गांव का यह मामला सुनवाई के लिए आयोग के सामने आया. जिसमें बच्चे की अदला-बदली की बात सामने आई.
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परिवार को मृत लड़की का दिया गया शव
दुलदुला थाना क्षेत्र से प्रार्थी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि बीस साल पूर्व कुनकुरी के एक निजी अस्पताल में उनकी दिवंगत पत्नी की जांच की थी. जिसमें उन्हें लड़का होने की बात बताई गई थी. लेकिन डिलेवरी के बाद परिवार को मृत लड़की का शव दिया गया और कहा कि उनकी पत्नी ने एक मृत बच्ची को जन्म दिया था. अस्पताल में बच्चा बदले जाने की आशंका पर उन्होंने मामले की शिकायत पुलिस में भी दर्ज कराई. लेकिन इसका कोई समाधान नहीं निकल पाया. बीस साल पुराने इस मामले में नया मोड़ उस वक्त आया जब प्रार्थी ने इस मामले की शिकायत नए सिरे से महिला आयोग में दर्ज कराई.
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सुनवाई के दौरान डॉ पीसी कुजूर रहे मौजूद
इस शिकायत में प्रार्थी ने दावा किया है कि अस्पताल में जो बच्चा बदला गया था, वह अब युवा हो चुका है और उसकी शक्ल और आवाज उनसे मिलती है. जिसके बाद अब इस मामले में डीएनए टेस्ट की बात कही गई है. सुनवाई के दौरान निजी अस्पताल में तत्कालीन अधिकारी रहे डॉ पीसी कुजूर मौजूद थे. दावे-प्रतिदावे के बीच किरणमयी नायक ने कुनकुरी के एसडीओपी मनीष कुंवर को डीएनए जांच कराने का निर्देश दिया है. अब इस मामले में डीएनए जांच के बाद पूरा फैसला हो पाएगा.