जशपुर: जिले के दूरस्थ अंचलों में निवास करने वाले अनुसूचित जनजाति के किसानों और राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरवाओं के वन अधिकार पत्र प्राथमिकता से बनाए जा रहे हैं. मनोरा विकासखंड के ग्राम पंचायत कारादरी के टोलापारा स्थिति कस्बा कादोपानी ग्राम मुख्यालय से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. अनुसूचित जनजाति के पहाड़ी कोरवा किसान एक्का राम परिवार के साथ खेती-बाड़ी करके जीवनयापन कर रहे हैं.
छत्तीसगढ़ शासन ने उन्हें वन अधिकार का पट्टा दिया है. कादोपानी चारो ओर से जंगल से घिरा हुआ एक छोटा सा कस्बा है. जहां अनुसूचित जनजाति पहाड़ी कोरवा का एक समुदाय निवास करता है. जंगलों में रहने वाले आदिवासी किसानों और अनुसूचित जनजाति के पहाड़ी कोरवा परिवारों को वन अधिकार पट्टा दिया गया है.
5 पीढ़ी से है गांव में निवासरत
ग्राम कादोपानी के एतवाराम की उम्र 68 साल है औए वे अपने परिवार के साथ लगभग 5 पीढ़ी से इस गांव में निवास कर रहे हैं. किसान एतवाराम का कृषि कार्य में विशेष रूचि होने के कारण खेती कर अपनी आजीविका चलाते हैं. वन अधिकार मान्यता अधिनियम के लागू होने के बाद एतवाराम ने जिला प्रशासन को वन भूमि पट्टे के लिए आवेदन लगाया था. उनको जिला प्रशासन ने काबिज भूमि का वन अधिकार पट्टा दिया है.