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IAS ट्रेनिंग अकादमी में नजर आएगा मैनपाट का तिब्बती कालीन

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Published : Mar 15, 2021, 10:12 PM IST

Updated : Mar 16, 2021, 11:21 AM IST

सरगुजा जिले की आदिवासी महिलाओं और पुरुषों के तैयार किए गए कालीनों की बहुत डिमांड है. आईएएस ट्रेनिंग एकेडमी मसूरी ने 68 कालीन का ऑर्डर दिया है, जिसकी कुल कीमत 4 लाख बताई जा रही है.

IAS Training Academy has ordered Mainpat Tibetan carpet
तिब्बती कालीन

सरगुजा :जिले की आदिवासी महिलाओं और पुरुषों के तैयार किए जा रहे मैनपाट की तिब्बती कालीन अब आईएएस ट्रेनिंग एकेडमी मसूरी में नजर आऐंगे. यहां बन रही कालीन में गुणवत्ता का खास ध्यान रखा जा रहा है, यही कारण है कि आईएएस ट्रेनिंग अकादमी को सरगुजा जिले में बनने वाली कालीन इतनी पसंद आई कि उन्होंने 68 कालीन का ऑर्डर दे दिया है. इतना बड़ा ऑर्डर मिलने के बाद कालीन निर्माण में लगी टीम के साथ जिला प्रशासन का काफी उत्साह बढ़ गया है.

मैनपाट का तिब्बती कालीन
सरगुजा जिले के मैनपाट में तिब्बती कालीन का निर्माण वर्षों से होता रहा है, लेकिन तिब्बती समाज के लोगों के रुझान कालीन निर्माण की तरफ से कम होने लगे थे. ऐसे में जिला प्रशासन ने तिब्बती कालीन निर्माण के कार्य को जीवित रखने के उद्देश्य से मैनपाट व सरगुजा जिले के विभिन्न क्षेत्र की आदिवासी महिलाओं को तिब्बती कालीन निर्माण का प्रशिक्षण दिलवाना शुरू किया था. हस्तशिल्प विकास बोर्ड के माध्यम से इन महिलाओं को कालीन निर्माण का प्रशिक्षण दिया गया और प्रशिक्षण लेने के बाद महिलाएं कालीन निर्माण का कार्य शुरू कर चुकी थी.

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मुख्यमंत्री को दिए थे भेंट

आदिवासी महिलाओं की बनाई गई कालीन की लॉन्चिंग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वर्चुअल माध्यम से की थी. उद्घाटन के अवसर पर महिलाओं ने मुख्यमंत्री को अपनी ओर से पहला कालीन उपहार स्वरूप प्रदान किया था. अब कालीन निर्माण के अध्याय में एक और बड़ी सफलता जुड़ गई है. भारतीय प्रशासनिक सेवा अकादमी को सरगुजा की आदिवासी महिलाओं के बनाए गए कालीन काफी पसंद आए हैं. यही वजह है की उन्होंने अलग-अलग क्वालिटी के कुल 68 कालीन की सप्लाई का आर्डर दिया है. लगभग 4 लाख रुपये कालीन की लागत होगी. देश की सर्वोच्च सेवा प्रदान करने वाले अधिकारियों को तैयार करने वाली संस्था से मिला यह आर्डर सरगुजा की आदिवासी महिलाओं के लिए सम्मान व गर्व की बात है.

मैनपाट का तिब्बती कालीन
अब तक 6 लाख का बिजनेससरगुजा की आदिवासी महिलाओं के तैयार किए जा रहे कालीन की डिमांड धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है. हालांकि कोरोना काल में कालीन निर्माण और बिक्री का कार्य प्रभावित हुआ, लेकिन एक बार फिर से सरगुजा के कालीन की वापसी ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर हुई थी. हस्तशिल्प विकास बोर्ड ने इन महिलाओं के पंजीयन अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, खादी इंडिया सहित अन्य प्लेटफार्म पर कराए हैं, जिसके बाद अब तक इन महिलाओं के निर्मित 6 लाख के कालीन की बिक्री की जा चुकी है. जबकि इस बार आईएएस ट्रेनिंग अकादमी से सीधे चार लाख का आर्डर दिया गया है.
Last Updated : Mar 16, 2021, 11:21 AM IST

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