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जशपुर में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने किया किडनी डायलिसिस यूनिट का शुभारंभ

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (Health Minister TS Singhdeo) ने बुधवार को जशपुर जिला अस्पताल में किडनी डायलिसिस यूनिट (kidney dialysis unit) का शुभारंभ किया. हॉस्पिटल में 5 डायलिसिस मशीनें लगाई गई हैं. कार्यक्रम में कलेक्टर महादेव कावरे (Collector Mahadev Kavre) सहित जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे.

Big gift to Jashpur
जशपुर को मिली बड़ी सौगात

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Published : Jun 23, 2021, 5:07 PM IST

जशपुरःस्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (Health Minister TS Singhdeo) ने जशपुर जिला हॉस्पिटल में किडनी डायलिसिस यूनिट (kidney dialysis unit) का शुभारंभ किया. किडनी की बीमारी से ग्रसित मरीजों को डायलिसिस की सुविधा अब जशपुर जिला अस्पताल (Jashpur District Hospital) में नि:शुल्क मिल सकेगी. स्वास्थ्य मंत्री ने वर्चुअल माध्यम से बुधवार को डायलिसिस यूनिट का शुभारंभ किया. जिला अस्पताल में करीब 35 लाख की लागत से 5 डायलिसिस मशीन लगाई गई हैं. शुभारंभ मौके पर कलेक्टर महादेव कावरे (Collector Mahadev Kavre) समेत जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे.

जशपुर को मिली बड़ी सौगात

35 लाख की लागत से बनाई गई है यूनिट

जिला अस्पताल में 5 बेड के डायलिसिस यूनिट (dialysis unit) की स्थापना की गई है. इसके निर्माण में करीब 35 लाख की लागत आई है. यहां किडनी (kidney) की बीमारी से ग्रसित मरीजों को नि:शुल्क डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना के तहत इसकी स्थापना की गई है. पहले किडनी की बीमारी से जूझ रहे लोगों को डायलिसिस करवाने के लिए झारखंड, ओडिशा या दूसरे शहरों में जाना पड़ता था. लेकिन अब जिला अस्पताल में डायलिसिस यूनिट खुलने से लोगों को काफी राहत मिलेगी. इसके साथ ही महंगे इलाज से भी क्षेत्र के लोगों को राहत मिलेगी. इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने जिला अस्पताल के अधिकारियों को शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि अब जशपुर जिले के मरीजों को डायलिसिस कराने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. अब उन्हें जशपुर में ही यह सुविधा मिलेगी.

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10 मरीजों का किया जा सकता है एक दिन में डायलिसिस

कलेक्टर महादेव कावरे (Collector Mahadev Kavre) ने बताया कि जिला अस्पताल में बनाए गए डायलिसिस यूनिट में एक दिन में 10 मरीजों का डायलिसिस किया जा सकता है. इसके लिए 5 मशीनें लगाई गई हैं. प्रत्येक मशीन की कीमत करीब 6 से 7 लाख रुपए आई है. अब तक यहां 5 मरीजों ने पंजीयन कराया है. उन्होंने कहा कि अब जिले के मरीजों को इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी. कलेक्टर ने कहा कि जरूरत पड़ने पर इसकी क्षमता बढ़ाकर अधिकतम 15 मरीजों तक किया जा सकता है. कलेक्टर ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने निर्देश दिए हैं कि जरूरत पड़ने पर और भी मशीनें लगाई जा सकती हैं.

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निजी कंपनी कर रही संचालित

डायलिसिस यूनिट की संचालन के लिए पश्चिम बंगाल की एक निजी कंपनी को इसकी जिम्मेदारी दी गई है. यह कंपनी प्रदेश में पहले से ही बिलासपुर, रायपुर जैसे बड़े शहरों में यूनिट का संचालन कर रही है. इस डायलिसिस वार्ड में पांच डायलिसिस की मशीनें लगाई गई हैं. जिसमें चार निगेटिव मशीन है. एक पॉजिटिव मशीन लगाई गई है. जिला अस्पताल में संचालित यह सेवा पूरी तरह नि:शुल्क होगी. मरीजों को इसके लिए जीवनदीप समिति की पर्ची के साथ मरीज का आधार कार्ड और चिकित्सा संबंधित दस्तावेज लाने की आवश्यकता पड़ेगी.

इस तरह काम करता है डायलिसिस मशीन

किडनी की बीमारी से जूझ रहे मरीज के शरीर में खून साफ होने की प्रक्रिया बाधित हो जाती है. इससे खून में क्रिएटिनिन की मात्रा बढ़ जाने से हृदय, फेफड़ा सहित शरीर के अन्य अंगों पर दबाव बढ़ने लगता है. दबाव बढ़ने से मरीज को परेशानी होने लगती है. इस दौरान डायलिसिस मशीन की सहायता से पीड़ित मरीज के शरीर से तकरीबन डेढ़ लीटर खून निकाल कर इसे मशीन में साफ कर, फिर से शरीर में प्रवेश करा दिया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया में 10 से 15 लीटर शुद्व पानी की आवश्यकता पड़ती है. यह पानी आरओ वाटर से भी शुद्व होता है. डायलिसिस की प्रक्रिया शुरू होने से पहले मरीज को कम से कम पानी पीने की सलाह दी जाती है. डायलिसिस की प्रक्रिया में मरीज के शरीर में जमा हुआ पूरा टॉक्सिन बाहर निकल जाता है. निजी हॉस्पिटल वाले इस प्रक्रिया के लिए 2 हजार से 15 हजार रुपए तक की मांग करते हैं.

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