जशपुर:जिले के सहायक आयुक्त कार्यालय से जारी फर्जी नियुक्ति पत्र में बड़ा खुलासा हुआ है. मामले में जावक लिपिक से लिखित में जवाब मांगा गया है. लिपिक ने बताया कि कार्यालय के एक लिपिक के कहने पर नियुक्ति पत्र को डिस्पैच किया गया था. फर्जीवाड़े का शिकार हुए बेरोजगार युवकों की शिकायत के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ.
ये है पूरा मामला
जिले भर के छात्रावासों में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को कलेक्टर दर पर नियुक्त किए जाने का नियुक्ति पत्र सहायक आयुक्त विभाग से जारी हुआ. इस पत्र में डिस्पैच नंबर असली था. लिहाजा बेरोजगार युवक आसानी से इसके झांसे में आ गए. लगभग 79 बेरोजगारों को सरकारी नौकरी का सपना दिखाकर 1 करोड़ से अधिक की अवैध उगाही कर ली गई. (fraud in government job in jashpur)
मामले का खुलासा तब हुआ जब नियुक्ति पत्र लेकर बेरोजगार युवक सहायक आयुक्त विभाग पहुंचे. इस नियुक्ति पत्र की जांच की गई तो यह पूरी तरह से फर्जी निकला. सहायक आयुक्त बीके राजपूत ने बताया कि विभाग ने इस तरह की कोई भी नियुक्ति का ना ही विज्ञापन जारी किया और ना ही नियुक्ति पत्र जारी किया है. फर्जीवाड़े का शिकार हुए बेरोजगार युवक एक-एक कर शपथ पत्र के साथ 1 से डेढ़ लाख रूपए लेकर नियुक्ति पत्र दिए जाने की शिकायत करने लगे. लगातार आ रही शिकायतों को देखते हुए बीके राजपूत ने 23 मार्च को 18 जून से 27 जुलाई के बीच छात्रावास और आश्रमों में चतुर्थ श्रेणी पद पर कार्य करने के लिए जारी किए गए आदेश को निरस्त करने का आदेश जारी किया.
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सहायक आयुक्त ने बताया कि इस संबंध में जावक लिपिक से लिखित में जवाब मांगा गया है. जिसमें उन्होनें कार्यालय के एक लिपिक के कहने पर लेटर को डिस्पैच करने की बात कही है.