जशपुर: जशपुर में ठंड अपने पूरे शबाब पर है. क्षेत्र में पारा 2 से 3 डिग्री के आसपास पहुंचा गया है. वहीं पहाड़ी इलाकों में तामपान 1 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है. सुबह-सुबह बर्फ की परत घास और पेड़-पौधों की पत्तियों में जमने लगी है. ठंड के कारण पूरा शहर कोहरे से ढक जाती है. मानों कि बादलों ने पहाड़ों को अपनी आगोश में ले लिया हो. कोहरे के हटते ही सुंदर घाटी दिखने लगती है. वहीं शाम और सुबह में कड़ाके की ठंड पड़ने लगती है.
जशपुर ने ओढ़ी बर्फ की चादर पूरा जशपुर इन दिनों शीत लहर की चपेट में है. अंचल में पड़ रही कड़ाके की सर्दी की वजह से सामान्य जनजीवन पर इसका सीधा असर देखा जा रहा है. जिले पाठ क्षेत्रों में बर्फीली चादर अब बिछने लगी है. यहां के लोगों ने गर्म कपड़े और अलाव का सहारा लेना शुरू कर दिया है. लोग सूर्यउदय से पहले और सर्यअस्त के बाद घर से बाहर निकलने में कतरा रहे हैं. बढ़ती ठंड के कारण लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं. जशपुर, पंड्रा पाठ, सन्ना, बगीचा, क्षेत्र में तापमान 2 से 3 डिग्री तक पहुंच गया है. दिन का अधिकतम तापमान 11 से 13 डिग्री तक ही जा रहा है. ठंड से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है.
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ठंड ने बढ़ाई ठिठुरन
सुबह शहर में गाड़ियों की छतों सहित मैदानों में बर्फ की चादर बिछी दिखाई देती है. शहर में लोगों की गाड़ियों पर सूर्य निकलते तक बर्फ की पतली परत जमी रहती है. पंड्रा पाठ क्षेत्र में भी खेतों और जंगलों में बर्फ की चादर देखने को मिली. बढ़ती ठंड ने ठिठुरन बढ़ा दी है. लोग घर से निकलने से बच रहे हैं.
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ऊलन बाजार में आई तेजी
मौसम विभाग का कहना है कि इस बार ला नीनो के प्रभाव के चलते छत्तीसगढ़ में दिसंबर से लेकर फरवरी तक अन्य सालों की तुलना में ठंड ज्यादा पड़ेगी, लेकिन दिसंबर के पहले सप्ताह की शुरुआत हो गई है और ठंड राजधानी में नहीं दिख रही है. प्रदेश में 15 दिसंबर के बाद ठंड बढ़ी है. इसके साथ ही ऊलन बाजार में भी तेजी देखने को मिल रही है.
अलाव की नहीं है व्यवस्था
जशपुर के लोगों का कहना है कि हर साल बढ़ती ठंड के साथ जिले के चौक-चौराहों पर नगर पालिका अलाव की व्यवस्था करती है, लेकिन इस साल नगर पालिका ने किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं की है. जिससे सड़क किनारे रह रहे लोगों को काफी परेशानियां हो रही है. शीत लहर के प्रभाव से हर कोई ठिठुर रही है. सर्द हवाओं की वजह से हाथ और पैर की उंगलियां सुन्न पड़ने लगी है. दो पहिया वाहन में चलना मुश्किल हो रहा है.