जशपुर :जिले में लॉकडाउन के दौरान किसान पहले से ही परेशान है. बीते दिनों हुई बारिश के बाद किसान खेती शुरू नहीं कर पाने से और भी परेशान होने लगे हैं. दअरसल मई के महीने में हुई अच्छी बारिश के बाद किसान खेत में हल जोतने निकल पड़े है. लेकिन इस बीच सोसायटियों से किसानों को खाद नहीं मिलने से किसानों को खेती की शुरुआत करने में परेशानी हो रही है. वहीं बाजार में व्यापारियों द्वारा दोगुने दाम पर खाद बिकने से किसान हलकान हो रहे हैं. अधिकारी लॉकडाउन की वजह से खाद नहीं मिलने की बात कह रहे हैं.
खाद नहीं मिलने से किसान परेशान दरअसल जिले के किसान जून के महीने में खेती किसानी शुरू करते हैं. लेकिन समय से पहले मई महीने में हुई बारिश के बाद किसानों ने खेत में हल चलाना शुरू कर दिया है. दूसरी ओर उनकी चिन्ता खाद नहीं मिलने से बढ़ चुकी है. दरअसल सोसायटी से खाद लेने वाले किसानों को पहले ऋण राशि लेने की खातिर स्वीकृति करानी पड़ती है. लेकिन कोरोना को लेकर लगाए गए लॉकडाउन को वजह से काम अधर में रुका हुआ है. इसकी वजह किसानों को सरकारी खाद मिलने में देरी हो रहा है.
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खाद नहीं मिलने से किसान परेशान 2 से 3 गुना दाम में बेची जा रही खाद
किसान श्रवण कुमार चौहान ने बताया कि एक ओर कोरोना महामारी की वजह से हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर क्षेत्र में हुई अच्छी बारिश के बाद खेती किसानी के समय में सोसायटियों से खाद भी नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने बताया कि अगर वह व्यापारियों से खाद खरीद रहे हैं तो 3 से 4 गुना दाम पर व्यापारियों द्वारा खाद बेची जा रही है. किसान रोशन साय ने बताया कि खेती में उपयोग करने वाली राखड़ खाद का दाम बाजार में काफी बढ़ा हुआ है, और खेती किसानी का समय हो चुका है लेकिन वह खाद बाजार से खरीद में असमर्थ है. सोसाइटी उसे उन्हें खाद मिल नहीं रही जिससे खेती का काम शुरू करने में काफी परेशानी हो रही है.
खाद नहीं मिलने से किसान परेशान लॉकडाउन की वजह से नहीं मिल रहा खाद आदिम जाति सहकारी समिति के डायरेक्टर नेहरू लकड़ा ने बताया कि किसानों को ऋण के माध्यम से खाद उपलब्ध कराई जाती है. लेकिन लॉकडाउन की वजह से केसीसी के काम पूरी तरह से बंद हो चुके हैं. जिस वजह से किसानों का खाद सोसाइटियों के माध्यम से नहीं मिल पा रहा है.