जशपुर: बुधवार को बिजली तार के संपर्क में आने से एक नर हाथी की मौत हो गई Elephant death in Jashpur है. Elephant dies of electrocution in Chhattisgarh ग्रामीणों को बुधवार की सुबह जब हाथी के शव को खेत में देखा, तो घटना की जानकारी वन अधिकारी को दी गई. ग्रामीणों की सूचना पर बगीचा के वन परिक्षेत्र अधिकारी अशोक सिंह सहित वन विभाग के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे. Chhattisgarh Jashpur district विभाग की टीम ने मृत हाथी के पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार की तैयारी में जुटा हुआ है.
"हाथी की मौत करंट लगने से हुई":वन परिक्षेत्र अधिकारी अशोक सिंह ने कहा कि ''बुधवार सुबह बागीचा वन परिक्षेत्र के अंतर्गत कुरडेग गांव में शव मिला. Jashpur latest news वन विभाग के कर्मियों ने घटनास्थल का दौरा किया और पशु चिकित्सकों की एक टीम द्वारा किए गए पोस्टमार्टम से पता चला कि हाथी की मौत करंट लगने से हुई थी.'' वन परिक्षेत्र अधिकारी अशोक सिंह ने बताया कि ''बागीचा इलाके में 20-25 हाथियों का झुंड घूम रहा था और मृत हाथी संभवत: उसी समूह का था. jashpur latest news आगे की पूछताछ की जा रही है.''
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हाथियों की मौत की यह तीसरी घटना: छत्तीसगढ़ में पिछले पांच वर्षों में 70 से अधिक हाथियों की मौत हुई है. हाथियों की मौत बीमारी, वृद्धावस्था के अलावा करंट लगने से भी हुई है. बीते तीन माह के दौरान जिले में हाथियों की मौत की यह तीसरी घटना है. कुरडेग से पहले कुनकुरी वन परिक्षेत्र में एक छोटा हाथी फिसल कर गड्ढे में गिर कर गंभीर रूप से घायल हो गया था. वन विभाग ने इस हाथी के 4 साल के बच्चे का बचाने की कोशिश की, लेकिन उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई थी. इस घटना से पहले तपकरा वन परिक्षेत्र में दल से बिछड़ कर एक हाथी का बच्चा समडमा क्षेत्र पहुंच गया था. लगभग 6 माह के इस छोटे हाथी के साथ ग्रामीणों के खेलते हुए वीडियो इंटरनेट में जमकर वायरल हुआ था. वन विभाग ने इस छोटे हाथी को सरगुजा के रमकोला रेस्क्यू सेंटर में संरक्षित कर दिया था Elephant death in Jashpur.. इसी तरह कांसाबेल वन परिक्षेत्र के केनाडांड़ ग्राम पंचायत के बढ़नीझरिया गांव में भी करंट की चपेट में आने से हाथी की मृत्यु की घटना हुई थी.