जशपुर:पुरानी परंपरा और रीति रिवाजों को तोड़ जशपुर के एक गांव की दो बेटियों ने समाज के लिए नजीर पेश की है. पिता की मौत के बाद दोनों बेटियों ने पिता की अर्थी को कांधा दिया. दोनों बेटियों ने बेटों की तरह फर्ज निभाया और पिता का अंतिम संस्कार भी किया.
दरअसल छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर स्थित एक छोटे से गांव लोदाम की दो बेटियों ने पिता की मौत के बाद उन्हें अंतिम विदाई देने की ठानी. दोनों बेटियों ने अपने मृत पिता को अपने कंधे पर रख कर ना केवल श्मशान पहुंचाया , ब्लकि उन्हें मुखाग्नि देकर अंतिम विदाई भी दी. दोनों बेटियों के इस कार्य की पूरे गांव में तारीफ हो रही है. हर कोई इस कदम की प्रशंसा कर रहा है.
हार्ट अटैक से हुई थी पिता की मौत
ग्राम लोदाम के रहने वाले चंद्रशेखर मंझोनिया (80 वर्ष) का बीते मंगलवार को हार्ट अटैक से निधन हो गया था. घटना उस वक्त हुई जब बुजुर्ग अपने निजी काम से जशपुर बैंक गए थे. लेकिन बैंक कर्मचारियों से चर्चा के दौरान ही वह बेहोश होकर गिर पड़े.