जशपुर: तंबाकू निषेध केंद्र में हर साल करीब 500 लोगों को नशे की तल से छुटकारा दिलाने के लिए थैरिपी दी जा रही है. जिला प्रशासन की पहल के तहत पोलिंग बूथ पर यलो बूथ बनाए जाएंगे.
अगर हर कलेक्टर ऐसा हो जाए, तो तंबाकू नहीं लील पाएगा किसी की जिंदगी
जशपुर जिले को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है. इसके तहत शैक्षणिक संस्थानों के साथ-साथ सार्वजनिक स्थल पर धूम्रपान और तंबाकू के सेवन में प्रतिबंध के साथ ही कोटपा एक्ट को और भी प्रभावशाली बनाने की तैयारी की जा रही है.
शैक्षणिक संस्थाएं और सार्वजनिक स्थल रहेंगे शामिल
अभियान में शैक्षणिक संस्थाओं के साथ-साथ सार्वजनिक स्थलों को भी शामिल किया जाएगा. इसके तहत शैक्षणिक संस्थाओं से 100 गज के दायरे में मौजूद दुकानों को हटाने काम शुरू हो चुका है. इस जोन में न तो तंबाकू का सेवन किया सकेगा और न ही यहां इसके उत्पादों को बेचने की अनुमति दी जाएगी.
कलेक्टर ने की पहल
बता दें कि जिले की कमान संभालने के साथ ही, कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने जशपुर को तंबाकू मुक्त जिला बनाने के प्रयास शुरू किए. इसके तहत उन्होंने विभागों के अफसरों के साथ बैठक कर एक रूपरेखा तैयार करते हुए स्वास्थ्य विभाग को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई. जिस देश में तंबाकू से हर साल करीब 70 लाख लोगों की मौत होती वहां ऐसे प्रयास वाकयी काबिल-ए-तारीफ है.