जशपुर:जिले में अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस टीम मुस्तैद नजर आई. सन्ना थाना क्षेत्र में नाबालिग के बाल विवाह की खबर विभाग को मिली थी. जिसके बाद टीम मौके पर पहुंची और नाबालिग का विवाह रुकवाया.
कोरबा में बर्बाद होने से बची नाबालिग की जिंदगी, रुकवाया गया बाल विवाह
अक्षय तृतीय पर रुकवाया गया बाल विवाह
जिला कलेक्टर महादेव कावरे ने महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस को निर्देश दिए थे कि अक्षय तृतीया पर कोई भी बाल विवाह न हों. जिसके लिए महिला बाल विभाग और पुलिस की टीमें लगातार सक्रिय रही. इसी कड़ी में महिला एवं बाल विकास विभाग ने अक्षय तृतीया पर नाबालिग का विवाह रुकवाया. टीम ने उसके परिवार वालों को समझाइश दी. उन्हें बताया कि जब तक लड़की बालिग न हो, तब तक उसकी शादी न करवाएं.
टीम की समझाइश के बाद माने दोनों पक्ष
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अजय शर्मा ने बताया कि विभाग और पुलिस को सूचना मिली थी कि सन्ना थाना क्षेत्र के कंदराई गांव के दो एक नाबालिग लड़की की शादी कराई जा रही है. सूचना पर टीम मौके पर पहुंची. जहां विवाह रुकवाया गया. लड़की के पिता से जन्म प्रमाण पत्र और मार्कशीट मांगी गई. जिस पर लड़की 18 साल की नहीं हुई थी. इस पर प्रशासन ने लड़की और लड़का पक्ष को बाल विवाह रोकने की समझाइश दी. जिसके बाद दोनों पक्ष खुशी-खुशी मान गए.
कोरबा: महिला एवं बाल विकास विभाग ने रुकवाया बाल विवाह
बाल विवाह के दुष्प्रभाव के बारे में बताया गया
टीम ने लड़की के माता-पिता को बाल विवाह के संबंध में पूरी प्रक्रिया समझाई गई, साथ ही बताया गया कि बाल विवाह एक कानूनी अपराध है. लड़की की शादी 18 साल से पहले न करने की समझाइश भी दी गई. लड़की के परिजनों ने भी अपनी गलती स्वीकार करते हुए भविष्य में किसी भी स्थिति में बाल विवाह नहीं करने की बात कही. टीम ने लड़की के बालिग होने तक संबंधित क्षेत्र के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और वार्ड पंच के माध्यम से उसकी निगरानी रखने के निर्देश दिए.