जशपुर: बस मालिक संघ और प्रदेश सरकार के बीच, यात्री बस संचालन को लेकर चला आ रहा गतिरोध खत्म होने के बाद भी बस संचालकों की मुसीबतें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. यात्रियों के आने की उम्मीद लेकर बस संचालक बुकिंग ऑफिस में बैठे रहे, लेकिन कोरोना संक्रमण का खतरा उम्मीद पर भारी पड़ता नजर आया. बस संचालकों को यात्री नहीं मिलने से उनकी परेशानी बढ़ गई है. इससे ड्राइवर्स और सहचालक को भुगतान करना भी चुनौती बनता जा रहा है.
जशपुर से बिलासपुर, रायपुर के लिए जाने वाली बसों में पर्याप्त मुसाफिर नहीं मिलने से इनका चलना मुश्किल हो गया है. बस संचालक यात्रियों को सुरक्षा का पूरा भरोसा देने, सोशलडिस्टेंस का पालन करने के साथ सैनिटाइजर और मास्क की व्यवस्था करने का दावा भी कर रहें हैं, बावजूद इसके सवारी नहीं मिलने की वजह से बसें खड़ी हैं.
सरकार दो महीने का माफ की थी टैक्स
बता दें कि प्रदेश सरकार ने यात्री बसों को संचालन की अनुमति दे दी थी, लेकिन टैक्स माफी, किराए में बढ़ोतरी, डीजल के वैट में 50 फीसदी की कटौती सहित 9 सूत्रीय मांगों को लेकर बस आपरेटर संघ के हड़ताल में चले जाने से बसों के पहिए थमे हुए थे. संघ और परिवहन मंत्रालय के अधिकारियों के बीच हुई चर्चा के बाद सरकार दो महीने का टैक्स माफ की.