छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

जांजगीर चांपा : पपीते की खेती कर आत्मनिर्भर हो रहा है युवा किसान - जांजगीर चांपा न्यूज

ओम प्रकाश ने जो धान की खेती करता था अब वो धान के आलावा पपीता, बैगन, करेला, बरबट्टी की भी खेती कर रहा है. ओम प्रकाश ने 22 एकड़ में पपीते की खेती की है. जिससे उसे काफी मुनाफा हो रहा है.

Young farmers are becoming self sufficient by cultivating papaya
पपीते की खेती से फायदा

By

Published : Oct 25, 2020, 8:48 PM IST

Updated : Oct 26, 2020, 1:54 AM IST

जांजगीर चांपा: चंद्रपुर विधानसभा के बेल्हाडीह के प्रगतिशील युवा किसान ओम प्रकाश चन्द्रा सब्जी और पपीता के पौधे लगाकर आत्मनिर्भर बन रहा है. ओम प्रकाश चन्द्रा ने वकालत की पढ़ाई की है. ओम घरेलू कामकाज में हाथ बटाने के साथ खेतों में धान की खेती करता था, अब उसकी मेहनत रंग ला रही है. अब खेतों में पपीता, बैगन, करेला, बरबट्टी की भी खेती कर रहा है. इससे उसकी अच्छी खासी कमाई हो रही है.

खेती मुनाफे वाली !

ओम प्रकाश ने मई-जून महीने में नर्सरी तैयार कर खुद के 20 एकड़ खेत में पपीता के पौधे लगाए हैं. इसमें रेड लेडी किस्म के पपीते के पौधे लगाए गए हैं. जिसकी फसल 6 महीने में तैयार हो चुकी है.

पपीते की खेती

पढ़ें : मछली पालन के नाम पर रकम दोगुना करने वाला गिरोह सक्रिय

बेल्हाडीह के प्रगतिशील युवा किसान ओम प्रकाश चंद्रा और भूपेंद्र चन्द्रा कई सालों से सब्जी की खेती कर रहे हैं. अपने खेतों में नए-नए किस्म के पौधे लगाकर वे अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. अभी वर्तमान में 20 एकड़ खेत में पपीता के पौधे लगाए गए हैं. एक एकड़ में 800 पौधे कुल 16000 पपीते के पौधे लगाए गए हैं, जो पककर तैयार हो चुका है. वहीं 10 एकड़ खेत में बैगन और 5 एकड़ में करेला बरबट्टी लगाया गया है. बचे 20 एकड़ में पपीता लगाया गया है. इसके देखरेख के लिए नर्सरी में 22 मजदूर महिलाएं और पुरुष हर रोज काम कर रहे हैं, जो नर्सरी में आकर पपीता के पौधों की देखभाल करना, दवाई का छिड़काव, पौधे को पानी देना और साफ सफाई करते हैं.

पपीते की खेती से मुनाफा

20 रुपये प्रति किलो बिकता है पपीता

जब पपीता पक कर तैयार हो जाता है तो उसे तोड़ कर उसकी पैकिंग की जाती है. महीने में तीन बार दवाई का छिड़काव करते हैं. समय-समय पर खाद डाला जाता है. पपीता 20 रुपये किलो के भाव से बेचा जा रहा है. यहां का पपीता रायपुर, दुर्ग और ओडिशा तक के बाजार तक पहुंचाया जाता है. इसकी डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है.

पपीते की खेती

22 मजदूरों को मिला रोजगार

इस खेती से खुद के आत्मनिर्भर होने के साथ ही गांव के 22 मजदूरों को रोजगार मिल रहा है. युवा किसान ओम प्रकाश चन्द्रा ने कहा कि 15 वर्षों से सब्जी लगाने का काम कर रहे हैं. पहले खेत मे धान लगाते थे, अब सब्जी की खेती करते हैं. जिससे उन्हें अच्छी खासी आमदनी हो रही है.

Last Updated : Oct 26, 2020, 1:54 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details