जांजगीर-चांपा: चंद्रपुर के मालखरौदा और डभरा तहसील के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र के अधिकांश गांवों के किसानों के खेतों में लगी फसल बाढ़ के पानी के कारण नष्ट हो गई है. बता दें कि पिछले महीने अगस्त में 28, 29 और 30 तारीख को अचानक आई बाढ़ से तहसील मालखरौदा क्षेत्र के अनेकों गांव में पानी घुस गया था. बाढ़ से दलहन, तिलहन और धान की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.
बाढ़ प्रभावित किसानों ने की मुआवजे की मांग तीन दिन से लगातार हो रही बारिश से नदी-नाले उफान पर थे. जिस कारण महानदी, बोराई नदी में गांगरेल और बांगो डेम का पानी छोड़ा गया था. जिसके कारण बाढ़ के हालात बने थे और गांवों के खेतों में पानी भर गया था. ग्राम बासीन, बरपाली, देवगांव, डोमा, रनपोटा, मरघटी, अचरितपाली, अमलीडीह सहित दर्जनों गांव की किसानों की फसल बाढ़ से नष्ट हो गई.
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कई प्रकार की परेशानी झेल रहे ग्रामीण
ग्रामीणों ने बताया कि घरों में बाढ़ ने तबाही मचाई है. इन प्रभावित गांव के किसानों ने बैंकों से कर्ज लेकर फसल लगाई थी. जो पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं. अब कर्ज की चिंता सता रही है. ग्राम बरपाली के किसानों ने कहा कि बाढ़ से गांव के लगभग 200 से 300 एकड़ धान की फसल चौपट हो गई है. 12 दिन से अधिक हो चुका है, लेकिन शासन-प्रशासन की ओर से कोई भी हालचाल पूछने तक नहीं पहुंचा है. लगभग यही हाल सभी बाढ़ प्रभावित इलाकों का है.
SDM ने दिया आश्वासन
डभरा के SDM आरपी आचला ने कहा कि तहसील डभरा क्षेत्र के 126 गांव में बारिश से हुए नुकसान का सर्वे राजस्व अमले से कराया जा रहा है. किसानों को मकान टूटने, सब्जी की फसल, धान की फसल की क्षति हुई है. दलहन, तिलहन फसल सभी का सर्वे कर मुआवजा प्रकरण बनाया जाएगा. इसके लिए कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं.