Unique Candidate of CG Poll : ना घर है ना ठिकाना, फिर भी हर चुनाव में कूद जाना, पामगढ़ का अनोखा डंगचगहा प्रत्याशी - Mayaram Nat passion For Election
Unique Candidate of CG Poll छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में दूसरे चरण के मतदान के लिए नामांकन का सिलसिला जारी है.इसी कड़ी में जांजगीर चांपा विधानसभा क्षेत्र से एक ऐसे प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल किया है.जो पेशे से पशु व्यवसायी हैं.इस प्रत्याशी की खासियत ये है कि इन्होंने हर विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाई है.कामयाबी भले ही ना मिली हो लेकिन प्रत्याशी का हौंसला कभी कम ना हुआ.आईए मिलते हैं इस अनोखे प्रत्याशी से. CG Poll 2023
जांजगीर चांपा :छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन भरे जा रहे हैं.जांजगीर चांपा जिले में अब तक 67 उम्मीदवारों ने नामांकन भरा है. नामांकन भरने में वालों में कई प्रत्याशियों की आर्थिक स्थिति काफी अच्छी है तो कुछ काफी गरीब.लेकिन एक प्रत्याशी ऐसा है.जिसके पास ना पक्का मकान है और ना ही कोई बैंक बैलेंस.बावजूद इसके ये प्रत्याशी हर चुनाव में खड़ा होता है. इस प्रत्याशी का नाम है मया राम नट.
कौन हैं मयाराम नट ? :जांजगीर चांपा जिले के महंत गांव में रहने वाले मया राम नट घूमतु समाज से हैं.इनकी पीढ़ी बॉस के डांग में करतब दिखाते आ रही है. जिन्हे नट या डंगचगहा भी कहते हैं. मयाराम नट को करतब के लिए तो पहचाना ही जाता है. इसके साथ ही चुनाव लड़ने के जुनून के लिए भी मयाराम नट मशहूर हैं.
कब से लड़ रहे हैं चुनाव ? :मयाराम नट का समुदाय करतब दिखाकर अपना पेट पालता है.मयाराम की माने तो साल 2004 से उन्हें चुनाव लड़ने का जुनून पैदा हुआ. क्षेत्र क्रमांक 2 से चुनावी मैदान में कमला देवी पाटले के प्रतिद्वंदी भी रहे.जो दो बार बीजेपी से सांसद बन चुकी हैं. 2004 से हर विधानसभा, लोकसभा और जिला पंचायत के साथ जनपद का चुनाव मयाराम लड़ रहे हैं.इस दौरान मयाराम ने अपनी बहू को जनपद पंचायत में प्रतिद्वंदी बनाया.जिसमें उन्हें जीत हासिल हुई.
क्या काम करते हैं मयाराम ?: मयाराम नट के पास ना तो बैंक बैलेंस है और न ही जमीन जायदाद.फिर भी लोकतंत्र के मंदिर के दरवाजे तक पहुंचने के लिए वो चुनावी मैदान में कूदते हैं.इस दौरान मयाराम करतब दिखाकर लोगों का मनोरंजन के साथ खुद कमाई भी करते हैं.मयाराम अपने करतब दिखाकर ही लोगों से वोट मांगते हैं.
कैसे इकट्ठा करते हैं नामांकन का पैसा ? :मयाराम नट करतब दिखाने के अलावा सुअर पालन भी करते हैं. मयाराम के मुताबिक इस बार चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने सुअर बेचा है.सुअर बेचने के बाद उन्हें जो पैसे मिले उसी से उन्होंने नामांकन फॉर्म खरीदा और जमा किया.मयाराम की माने तो उनके पास छोटे बड़े 100 सुअर हैं.बड़े सुअर का दाम जहां 10 हजार तक मिलता है,वहीं छोटे सुअर की 3 से 5 हजार के बीच बिक्री होती है.
बेटा शिक्षक और बहू है जनपद सदस्य :मयाराम नट घूमन्तु समाज से हैं.इसलिए समाज के बच्चों का जाति प्रमाण पत्र ही नहीं बनता था. समाज के बच्चे स्कूल भी नहीं जाते थे. लेकिन मयाराम ने अपने बेटे को पढ़ाया और शिक्षक बनाया.वहीं मयाराम की बहू जनपद सदस्य है. मया राम नट जिस चुनाव में उतरते हैं उसमें दूसरा और पांचवा स्थान में रहते हैं. उनका मानना है कि लोगों में उनके विचार के प्रति सहानुभूति है.यही कारण है कि बड़े दिग्गजों के बीच भी उनकी जगह 5वीं होती है.