जगदलपुर:महिलाओं के शरीर में पाई जानी वाली गर्भाशय एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण अंग है, जिससे किसी महिला को मां बनने का सुख प्राप्त होता है. सामान्यतः सभी महिलाओं में केवल एक ही गर्भाशय होती है. हालांकि कभी-कभी उसी गर्भाशय में विभिन्न प्रकार की विकृतियां उत्पन्न हो जाती हैं. कुछ इस तरह की एक विकृति का पता रेडियोलॉजी स्पेशलिस्ट डॉ मनीष मेश्राम ने सोनोग्राफी में लगाया.
13 वर्षीय बच्ची के दो गर्भाशय
22 फरवरी को कोटपाड इलाके से एक 13 वर्षीय बच्ची हर माह की मासिकधर्म ना होने और उस दौरान दर्द होने की समस्या लेकर जगदलपुर नगर के वाइजैग डायग्नोस्टिक सेंटर में आई. सोनोग्राफी जांच के दौरान डॉ मनीष मेश्राम ने निरीक्षण में पाया कि मरीज के शरीर में दो गर्भाशय (jagdalpur girl two uterus found) हैं. जिसे चिकिस्तकीय भाषा में गर्भाशय डाइडेलफिस कहते हैं. साथ ही डॉ. मेश्राम ने यह भी पता लगाया कि मरीज के मासिक धर्म के रक्त प्रवाह की नलिका भी अवरुद्ध हो चुकी है, जिसके कारण नलिका में एक बड़ा सा रक्त का थक्का जमा हुआ है. इससे मासिक धर्म के दौरान रक्त प्रवाह न होने व दर्द के कारणों का पता चल सका. यह प्रकृति में बहुत ही कम पायी जानी वाली विकृति है.
इस विसंगति के कारण अज्ञात, कोई लक्षण नहीं होता मौजूद
इस विषय में डॉ मेश्राम ने बताया इस विसंगति का कारण तो नहीं बता सकता लेकिन कोई लक्षण मौजूद नहीं होते हैं. इसलिए कई महिलाओं को यह ज्ञात ही नहीं रहता कि उन्हें यह बीमारी भी है. लेकिन इसके होने की प्रक्रिया को समझा जा चुका है.महिला भ्रूण विकास के दौरान गर्भाशाय दो अलग-अलग भागों में बनता है, जो की आगे चलकर भ्रूण विकास के भिन्न चरणों में परस्पर जुड़ जाते हैं. कुछ महिला के भ्रूण विकास प्रक्रिया में दोनों भाग नहीं जुड़ पाते. दो गर्भाशय की जन्मजात विकृति विकसित हो जाती है. हालांकि इस प्रक्रिया में कई अन्य प्रकार की भी विकृतियां होती है. किंतु इस अंक में केवल गर्भाशय डाइडेलफिस के बारे में बताया गया है.
ये हैं गर्भाशय डाइडेलफिस की समस्याएं