जांजगीर-चांपा:कोरोना काल के कारण जहां प्रदेश भर के स्कूलों को बंद रखा गया है. वहीं जिले के गांव-गांव में पढ़े-लिखे युवाओं ने नन्हे बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया है. प्रदेश सरकार के पढ़ई तुंहर दुआर अभियान के तहत गांवों में मोहल्ला क्लास शुरू किया गया है, जिसके तहत पढ़े-लिखे युवा बच्चों को चौपाल लगाकर पढ़ा रहे हैं.
कोरोना के नियंत्रण के मद्देनजर प्रदेशभर के स्कूलों को सरकार ने बंद करने का फैसला लिया था, लेकिन कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते प्रकोप की वजह से स्कूल 8 महीने बाद भी नहीं खुल पाई है. जिससे बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर न पड़े इसलिए सरकार ने पढ़ई तुंहर दुआर अभियान शुरू किया. साथ ही अभिभावकों को जागरूक करते हुए मोहल्ला क्लास की शुरूआत की गई है, जिससे बच्चों को लगातार शिक्षा मिलती रहे. इस अभियान के तहत मालखरौदा ब्लॉक के भेड़ीकोना ग्राम पंचायत के शिक्षित युवा स्कूली बच्चों को निशुल्क शिक्षा दे रहे हैं, जो एक सराहनीय कदम है.
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जिला शिक्षा विभाग ने पढ़ई तुहर दुआर अभियान के तहत गांव की चौपालों में पढ़ाई कराने के निर्देश दिए थे. तब से शासकीय प्राथमिक शाला और शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला के शिक्षक गांव के चौपाल और बरामदे में बच्चों को पढ़ाई करा रहे हैं. इसमें गांव के युवा पीढ़ी भी शिक्षकों का साथ दे रहे हैं. भेड़ीकोना गांव के 15 से ज्यादा शिक्षित युवक और युवतियां छोटे-छोटे नौनिहालों को कक्षा पहली से पांचवीं और छठवीं से आठवीं तक की पढ़ाई करा रहे हैं. इन मोहल्ला क्लास में पढ़ा रहे युवक-युवतियों का कहना है कि जब से स्कूल बंद हुआ है, तब से वे गांव के बच्चों को गांव के अलग-अलग मोहल्ले और बरामदे में बैठाकर रोज पढ़ाई करवा रहे हैं. मोहल्ला क्लास के तहत बच्चों को पढ़ाने वाले युवाओं में तुलसी साहू, लक्ष्मी साहू, बबलू साहू, राजकुमार साहू, सूरज केवट, लक्ष्मण साहू, इंद्र साहू, विकास साहू, मुकेश साहू, उषा साहू, प्रेम लाल साहू, अशोक साहू और तेजराम साहू सहित गांव के कई युवक-युवतियां शामिल है.
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