बिलासपुर:अचानकमार टाइगर रिजर्व में घूम रहे 12 साल के नर हाथी को पकड़कर बंधक बना लिया गया था. इस मामले में वन विभाग ने हाथी को लंबे समय तक बांधकर रखा था. पैर में जंजीर बंधे होने की वजह से हाथी के पैर में घाव हो गए थे और कीड़े लग रहे थे. हालांकि बाद में उसका इलाज किया गया. इस मामले में वन्य प्राणी प्रेमी नितिन सिंघवी ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया कि "जंगल में घूमने वाले हाथी को पकड़कर बंधक बना लिया गया है." इस मामले में कोर्ट में कई बार सुनवाई हुई और कोर्ट ने शासन सहित वन विभाग को आदेशित किया था कि हाथी को जंगल में छोड़ दिया जाए. यह पूरा मामला साल 2015 का है.
sonu elephant hostage case: सोनू हाथी केस, हाई कोर्ट में लगी अवमानना याचिका, राज्य सरकार और वन विभाग को नोटिस - वन्य प्राणी प्रेमी नितिन सिंघवी
अचानकमार में घूम रहे हाथी को पकड़ कर बंधक बनाने के मामले में हाई कोर्ट में अवमानना याचिका लगाई गई है. याचिका पर राज्य सरकार और वन विभाग को कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट के आदेश के बाद भी हाथी को नहीं छोड़े जाने और तमोर पिंगला भेजने के मामले में अवमानना याचिका दायर की गई है, जिस पर बुधवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने 15 मार्च तक जवाब पेश करने की मोहलत दी है.
![sonu elephant hostage case: सोनू हाथी केस, हाई कोर्ट में लगी अवमानना याचिका, राज्य सरकार और वन विभाग को नोटिस sonu elephant hostage case](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-17824954-thumbnail-4x3-img.jpg)
हाथी को भेज दिया गया था रिहैबिलिटेशन सेंटर:साल 2015 में अचानकमार टाइगर रिजर्व से पकड़े गए हाथी को बंधक बना लिया गया था. इसके बाद हाथी को तमोर पिंगला एलीफेंट रेस्क्यू, रिहैबिलिटेशन सेंटर भेज दिया गया. मामले में हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर कहा गया है कि "मामले से जुड़े लोगों पर कार्रवाई नहीं की गई है. मामले की सुनवाई जस्टिस रजनी दुबे की बेंच में हुई. इस दौरान कोर्ट ने राज्य शासन को 15 मार्च 2023 तक कोर्ट में अपना जवाब देने के निर्देश दिए हैं.
अचानकमार टाइगर रिजर्व से पकड़ा गया था सोनू हाथी: मुंगेली जिला अचानकमार टाइगर रिजर्व में 2015 में घूम रहे एक हाथी को वन विभाग की टीम ने पकड़ लिया था. 12 साल के नर हाथी को पकड़ कर अचानकमार टाइगर रिजर्व में बांध कर रखा गया था. इस मामले में वन्य पशु प्रेमी नितिन सिंघवी ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसमें कोर्ट ने हाथी को जंगल में छोड़ने का आदेश दिया था, लेकिन अभी भी हाथी को तमोर पिंगला एलीफेंट रेस्क्यू रिहैबिलिटेशन सेंटर में ही रखा गया है.