जांजगीर-चांपा:जिले के शिवरीनारायण को राम वनगमन पथ में शामिल किया गया है. मान्यता है कि यहीं शबरी ने भगवान राम को जूठे बेर खिलाए थे. माता शबरी का प्राचीन मंदिर खरौद में है. कुछ लोगों का मानना है कि जो दर्जा खरौद को मिलना चाहिए, वह शिवरीनारायण को मिल रहा है. देवरघटा में भी भगवान राम अपने अनुज के साथ शिवनाथ नदी पार कर पैसर घाट पहुंचे थे. यह राम वन गमन मार्ग का प्रमुख स्थान है.
खरौद के माता शबरी मंदिर में स्थानीय सबर जनजाति की विशेष आस्था है. यहां से लेकर ओडिशा तक बसे सबर जनजाति के लोग अपने आपको माता शबरी के वंशज मानते हैं. खरौद में ही लक्ष्मणेश्वर महादेव का मंदिर है. इस शिवलिंग में अद्भुत कुंड भी है. इस कुंड में हमेशा पानी भरा रहता है. लेकिन लक्ष्मणेश्वर महादेव के इस शिवलिंग के बारे में कम ही लोगों को जानकारी है.
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