जांजगीर चांपा में 100 साल पुराना बरगद का पेड़, यहां वर्षों से मनाया जा रहा राम नाम संकीर्तन सप्ताह
Ram Naam Sankirtan Week in Janjgir Champa जांजगीर चांपा में पिछले 61 साल से राम नाम संकिर्तन सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है.हर साल जिले के पुरानी बस्ती के बरगद पेड़ के नीचे भव्य साप्ताहिक आयोजन किया जाता है.
जांजगीर चांपा:जांजगीर चाम्पा के पुरानी बस्ती में इन दिनों राम नाम संकीर्तन सप्ताह का आयोजन किया गया है. यहां आयोजित राम नाम सप्ताह में श्रद्धालु दिन रात सात दिनों तक राम नाम का गायन करते हैं. सालों से चली आ रही इस परम्परा में बुजुर्गों के साथ ही युवा और बच्चे भी शामिल होते हैं. सुबह-शाम महिलाएं यहां आरती में शामिल होती है.
दरअसल, जांजगीर चांपा के पुरानी बस्ती स्थित भगत चौक में 61 साल से राम नाम सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है. इस आयोजन के पीछे यहां के लोगों की कई मान्यताए है. इसमें 1955 में आए अकाल को राम नाम सप्ताह की शुरुआत का प्रमुख कारण बताया जाता है.
ऐसे हुई शुरुआत:इस बार में वहां मौजूद पंडित राम विलास उपाध्याय ने बताया कि, "आकाल के दौरान लोगों में हाहाकार मचा हुआ था. लोग एक-एक दाने के लिए तरस रहे थे. तभी मोहल्ले के लोगों ने राम का नाम जाप करने का मन बनाया. एक सप्ताह तक राम नाम का दिन-रात जाप किया और राम नाम संकीर्तन समाप्त होने के बाद जम कर बारिश हुई. लोगों को फिर से जीने की नई किरण नजर आई. राम नाम सप्ताह में इकट्ठा हुए अनाज से लोगों का पेट भरने का इंतजाम किया गया. तभी से इस संकीर्तन को लगातार किया जा रहा है."
61 साल से जारी है परंपरा:आयोजन समिति के अध्यक्ष संजू बरेठ ने बताया कि, "जिले के पुरानी बस्ती में 100 साल पुराने वट वृक्ष के नीचे राम नाम संकीर्तन सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है. पुराने बरगद के पेड़ को मोहल्ले के लोग भगवान विष्णु का स्वरुप मानते हैं. उसी बरगद पेड़ को सहेज कर पेड़ के चारों ओर चबूतरा का निर्माण कराया जाता है. यहां पर मोहल्ले के लोग पिछले 61 साल से अखण्ड राम नाम सप्ताह यज्ञ का आयोजन करते आ रहे हैं. इस साल 62 वें वर्ष का आयोजन किया जा रहा है, जो 23 नवम्बर से प्रारम्भ हो गया है. 1 दिसम्बर तक चलेगा."
सप्ताह भर लगता है भंडारा:बता दें कि राम नाम संकीर्तन के शुरुआत से ही भंडारे का आयोजन किया जाता है. स्थानीय लोग ही भंडारा बना कर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को प्रसाद बांटते हैं. इस यज्ञ का समापन 30 नवम्बर को किया जाएगा. उसी शाम पूरे शहर में भव्य यात्रा भी निकाली जाएगी. जहां सीता राम, हनुमान और राधा कृष्ण की झांकी को पालकी में उठाकर पूरे जांजगीर नगर का भ्रमण कराया जाएगा. इसके साथ ही हवन, सहस्त्र धारा, ब्राम्हण भोज का आयोजन किया जाएगा.