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जांजगीर-चांपा में भारत का इकलौता शबरी मंदिर, सबर जनजाति के लोगों ने मंदिर के उत्थान की लगाई गुहार

माता शबरी की संतान सबर जनजाति के लोगों ने राज्य शासन से शबरी मंदिर के उत्थान की गुहार लगाई है. उनका कहना है कि पूरे भारत का एकलौता शबरी मंदिर जांजगीर चांपा में है, जिसका सौंदर्यकरण किया जाना चाहिए.

Shabari temple
जांजगीर चांपा शबरी मंदिर

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Published : Aug 5, 2020, 10:26 AM IST

Updated : Aug 5, 2020, 12:35 PM IST

जांजगीर चांपा : अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रमहै. ऐसी स्थिति में श्री राम की अनन्य भक्ति प्राप्त माता शबरी के धाम में लोग भारी प्रसन्न है. माता शबरी के वंशज सबर जनजाति एवं स्थानीय लोग इस पर खुश हैं. लेकिन नाराजगी इस बात की भी है कि प्राचीन शबरी मंदिर छत्तीसगढ़ शासन के राम वन गमन मार्ग सौंदर्यकरण के प्रथम चरण में शामिल नहीं किया गया है. जबकि पूरे भारत देश में माता शबरी का इकलौता और प्राचीन मंदिर जांजगीर चांपा में है.

इकलौता शबरी मंदिर
बता दें कि जांजगीर-चांपा के खरौद नगर में छठवीं शताब्दी में बनाया गया माता शबरी का प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर में सबर जनजाति के लोग दूर-दूर से आकर अपनी कुलदेवी की पूजा करते हैं. माना जाता है कि माता शबरी का देश में इतना प्राचीन इकलौता मंदिर है. यह मंदिर पुरातत्व विभाग के अधीन है.

पढ़ें :राम मंदिर भूमि पूजन वर्षों पुराना सपना साकार होने जैसा : आडवाणी

राम मंदिर निर्माण को लेकर सबर जनजाति के लोग खुश
अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के भूमि पूजन से लेकर सबर जनजाति के लोग काफी खुश हैं. साथ ही शबरी धाम के स्थानीय लोग भी काफी खुश नजर आए. उनका कहना है श्री राम मंदिर निर्माण के साथ ही प्राचीन सबरी मंदिर की महत्ता भी बढ़ गई है, क्योंकि यह शबरी की पुण्य भूमि है. ऐसे में अगर सैकड़ों वर्षो बाद श्री राम के मंदिर का निर्माण होता है, तो कहीं न कहीं शबरी मंदिर की प्रतिष्ठा भी बढ़ जाती है. ऐसे में शबरी कि इस पुण्य भूमि खरौद का महत्व बढ़ने की उम्मीद स्थानीय निवासी लगाए हुए हैं

भारत का इकलौता शबरी मंदिर
शबरी मंदिर के उत्थान की भी गुहार
एक तरफ अयोध्या में बहुप्रतीक्षित श्री राम मंदिर के निर्माण के भूमि पूजन पर खरौद के स्थानीय लोगों में खुशी है, तो वहीं छत्तीसगढ़ शासन से नाराजगी भी है. क्योंकि जिस तरीके से छत्तीसगढ़ शासन ने राम वन गमन मार्ग चिन्हांकित किया है, उसमें शबरी मंदिर को प्रथम चरण में शामिल नहीं किया गया है. राज्य के 51 स्थानों को चिन्हित किया गया है, जहां पर राम वन गमन मार्ग के सौंदर्यीकरण का काम किया जाएगा. लेकिन इसमें प्रथम चरण में 8 स्थानों के सौंदर्यकरण की बात कही गई है, जिसमें खरौद शामिल नहीं है. ऐसे में स्थानीय लोगों का कहना है कि शबरी माता की पुण्य भूमि को शामिल नहीं किया जाना अन्याय हैं. माता शबरी के संतान सबर जनजाति के लोगों ने राज्य शासन से शबरी मंदिर के उत्थान की भी गुहार लगाई.
भारत का इकलौता शबरी मंदिर
Last Updated : Aug 5, 2020, 12:35 PM IST

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