पेंशन के इंतजार में बहुत से बुजुर्ग स्वर्ग भी सिधार चुके हैं. समस्या यह है कि बहुत से बुजुर्गों के खाते में पेंशन ही नहीं आई है. पहले खाता न खुलने का बहाना बनाया जाता था, तो अब खाता खुलने के बावजूद बुजुर्गों को पेंशन नहीं मिल रहा है.
ग्राम पंचायत भोथिहा के पेंशन हितग्राही जैजैपुर में चक्कर लगा रहे हैं. इसमें दिव्यांग, विधवा और परित्यक्ताओं को समय पर पेंशन नहीं मिलने के कारण वे परेशान हैं, लेकिन व्यवस्था में बैठे लोगों को इन बुजुर्गों की थोड़ी भी चिंता नहीं है. वहीं ग्राम पंचायत मुखिया के कई बुजुर्ग पेंशन पाने की उम्मीद में हर रोज बैंक के चक्कर लगाते हैं, लेकिन बैंक से मायूस होकर उन्हें वापस लौटना पड़ता है.
पेंशन बना टेंशन, बैंक और पंचायत के चक्कर लगा रहे बुजुर्ग
जांजगीर-चांपा : सरकार के नुमाइंदों की लचर रवैया से वृद्ध पेंशन योजना बुजुर्गों के लिए टेंशन बन गई है. मौजूदा हालात ऐसे हैं कि जिला प्रशासन और समाज कल्याण विभाग के अफसरों की अनदेखी के कारण नागरिकों की परेशानी बढ़ती जा रही है.
पेंशन बना टेंशन
ग्राम के बुजुर्गों ने बताया कि पेंशन उनके लिए परेशानी का सबब बन गया है. बुजुर्गों का आरोप है कि बैंक टेंशन नहीं लेने की बात करता है और सरपंच, सचिव बैंक खाते में पेंशन डाले जाने का हवाला देते हैं.
हालत यह है कि बैंक और ग्राम पंचायत के कार्यालय के चक्कर में बुजुर्ग परेशान हो रहे हैं. पेंशनभोगियों ने बताया कि पेंशन वितरण में लापरवाही बरती जा रही है. इसके कारण समान रूप से पेंशन वाली राशि भी नहीं भेजी जा रही है. इतना ही नहीं कई ऐसे भी बुजुर्ग हैं, जिन्होंने कई माह से कुछ भी नहीं मिला है और रोज बैंक के चक्कर लगा रहे हैं.
मामले में जिला पंचायत सदस्य टेकचंदचंद्र ने बताया कि हर रोज पंचायत के अनेक वार्डों की कई बुजुर्ग शिकायत करते हैं कि उनके खाते में अभी तक पेंशन की राशि नहीं आई है और वे बैंक के चक्कर लगाते-लगाते थक गए हैं. अधिकारी टालमटोल जवाब देते हैं. वहीं जिम्मेदार अधिकारी मीडिया से बचते नजर आते हैं. ऐसे में बुजुर्गों को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती हैं.