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जांजगीर चांपा: बारिश से बर्बाद हो रही अन्नदाता की मेहनत - धान खरीदी की अंतिम तारीख

छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही बारिश से धान खरीदी केंद्रों में रखे धान भीगकर खराब होने लगे हैं. केंद्र में धान के रखरखाव की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने की वजह से करोड़ों रुपये के धान अंकुरित होकर खराब हो रहे हैं.

Paddy was drenched in paddy purchasing center in Janjgir Champa
बारिश से बर्बाद धान

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Published : Feb 8, 2020, 6:04 PM IST

Updated : Feb 8, 2020, 7:15 PM IST

जांजगीर चांपा:छत्तीसगढ़ में मौसम ने अचानक करवट ली है. पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में बारिश के साथ ठंड ने भी दस्तक दे दी है. लगातार हो रही बारिश से जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त है. वहीं अन्नदाता भी चिंतित नजर आ रहे हैं. प्रदेश के धान खरीदी केंद्रों में किसानों की मेहनत पर पानी फिरता साफ नजर आ रहा है. करोड़ों रुपये के धान बारिश में भीगकर अंकुरित होने लगा है. प्रदेश के जांजगीर चांपा में विभागीय लापरवाही का खामयाजा किसानों को भुगतना पड़ सकता है.

बारिश से बर्बाद धान

जिले में तकरीबन 471 करोड़ रुपये का धान बारिश में भीग रहा है. खरीदी केंद्रों से धान का उठाव नहीं होने की वजह से धान भीग रहा है. इसका सीधा असर खरीदी पर पड़ रहा है. धान खरीदी केंद्र में 26 लाख क्विंटल तक का धान जाम पड़ा हुआ है.

धान खरीदी की अंतिम तारीख 15 फरवरी तक
जिले के 209 खरीदी केंद्रों पर कुल एक लाख 73 हजार किसानों से 85 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य राज्य शासन ने निर्धारित किया है. सरकार ने खरीदी की अंतिम तिथि 15 फरवरी निर्धारित की थी. जिले में अब तक कुल एक लाख 56 हजार किसान अपना धान बेच चुके हैं. इनसे कुल 73 लाख क्विंटल की धान खरीदी की गई है. वही बाकी 6 दिनों में कुल 12 लाख क्विंटल धान खरीदी करना है.

केंद्रों से नहीं हो रहा धान का उठाव
जिले के धान खरीदी केंद्रों में कुल 26 लाख क्विंटल के धान जाम पड़ा है. इसकी वजह से केंद्र में धान रखने में दिक्कत हो रही है. वहीं केंद्रों में इसकी वजह से धान खरीदी प्रभावित हो रही है. अधिकारियों के मानें तो उठाव की स्थिति बेहतर बता रहे है, लेकिन विभागीय आंकड़े कुछ और ही हाल बयां कर रहा है.

Last Updated : Feb 8, 2020, 7:15 PM IST

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